बागेश्वर ब्रेकिंग : बंद कमरे में कोरोना से बचाव के नियमों को अफसरों की बैठक और बाहर बिना मास्क और बिना सोशल डिस्टेंसिंग लोगों की चिल्ल पौ

बागेश्वर। यह महज संयोग नहीं है कि एक ओर सरकारी तंत्र कोरोना की तीसरी लहर को रोकने के लिए बंद एसी कमरों में माथा पच्ची कर रहा था और बाहर बाजार, मंदिर और सड़कोें पर लोगों की भीड़ सिर पर मंडराते खतरे से बेखबर प्रशासन का मुंह चिढ़ा रही थी। शायद इसीलिए सरकारी योजनाओं के जमीन पर न उतरने के लिए इन बैठकों और हवा हवाई नीतियों को दोषी ठहराया जाता रहा है। पलायन, वृक्षारोपड़, मातृभाषा, गरीबी उन्मूलन आदि ऐसी कितनी ही समस्याएं हैं जिन्हें यदि हमारे अफसरान जमीन पर उतर कर लागू करें तो उन्हें काफी हद तक सफलता मिल सकती है।

आज दोपहर कोरोना की तीसरी लहर को लेकर एक ओर जिला प्रशासन अपनी तैयारियों पर बैठक कर रहा था। जिसमें जिले के तमाम बढ़े अधिकारी कोविड 19 की तीसरी लहर को लेकर गहन मंथन कर रहे थे। वहीं सोमवार को बाजार में काफी भीड़ दिखी। किसी भी स्थान पर न तो कोई जनता को जागरूक करते दिखा और न ही जनता में कोविड का पहले जैसा खौफ दिखा।

इसके अलावा पुलिस कर्मी भी नियमावली का पालन कराने में गंभीर नहीं दिखे। मंदिरों में जलाभिषेक और पूजा-अर्चना के लिए भक्तों की लंबी लाइन लगीं। वहीं कोरोना संक्रमण को देखते हुए शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करने के लिए कहा गया है लेकिन भक्तों की भीड़ ने सारे नियम कायदे ताक पर रख दिए गए।


वहीं जिलाधिकारी विनीत कुमार ने जिला कार्यालय सभागार में संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक कर तैयारियों की समीक्षा की। बैठक में जिलाधिकारी ने कोरोना संक्रमण के रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए किये जा रहे टीकाकरण के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिये।

डीएम ने कहा कि जनपद में 15 अगस्त 2021 तक जनपदवासियों को प्रथम डोज का टीका अनिवार्य रूप से लगाया जाय। इसके लिए जो भी कार्य योजना तैयार की जानी है उसे तत्काल तैयार करते हुए शततप्रतिशत टीकाकरण कराया जाय। इसमें किसी प्रकार की कोई शिथिलता एवं लापरवाही न बरती जाय।


उधर माथे पर मंदिर का टीका लगाए शिवभक्त कोरोना को चुनौती देते दिखे। मंदिर में आने वाले तीस प्रतिशत लोग तो बिना मास्क के ही रहे होंगे। फोटोज में इस अनुपात को आप देख सकते हैं। ऐसा संभव नहीं है कि किसी अधिकारी की नजर सुबह से लेकर शाम तक मंदिर, बाजार और सड़कों पर आम दिखाई पड़ रहे इस नजारे पर नहीं पड़ी होगी। लेकिन योजनाएं बनाने में व्यस्त अधिकारियों ने इस पर ध्यान ही नहीं दिया।

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