साप्ताहिक कॉलम/ गाय की पाठशाला : ग्वाले का चयन कैसे करें

हमारे इस साप्ताहिक काॅलम में गौपालन जगत की जानकारी दे रहे हैं देहरादून के उन्नति विहार , नत्थनपुर निवासी-राजेश मधुकांत सिलोडी… आप पत्रकार हैं। तीन दशक से अधिक पत्रकारिता का अनुभव है। पिछले पांच साल से गाय की पाठशाला नाम से डेयरी उद्योग में हाथ आजमा रहे हैं।
बहुत कम समय में ही आपने डेयरी उद्योग में अच्छा खासा मुकाम हासिल कर लिया है।अब वे डेयरी उद्योग में रुचि ले रहे युवाओं को गौपालन के गुर भी सिखा रहे हैं।अब तक दर्जनों युवाओं को डेयरी उद्योग में पदार्पण करा स्वावलंबी बना चुके हैं।

ग्वाले का चयन कैसे करें?

ग्वाला यानी गौसेवक डेयरी उद्योग का सबसे महत्वपूर्ण प्राणी है
यदि आपको गौसेवक अच्छा मिल गया तो- आपकी बल्ले-बल्ले नहीं तो सब कुछ थल्ले-थल्ले।
अब सवाल ये उठता है कि इतने महत्वपूर्ण प्राणी का चयन कैसे किया जाए?
तो साथियों मेरी समझ में जो आ रहा है आपसे शेयर कर रहा हूँ।
¤ गौसेवक स्वस्थ व रोगमुक्त हो।
¤ गौसेवक का व्यवहार शालीन हो।
¤ गौसेवक नशे आदि का सेवन न करता हो।
¤ गौसेवक मवेशियों से प्रेम करने वाला हो उन पर लट्ठ बजाने वाला न हो।
¤ गौसेवक को गाय की बीमारियों आदि के बारे में पता हो।
¤ गौसेवक इंजेक्शन लगाना जानता हो।
¤ गौसेवक अपराधिक गतिविधियों में लिप्त न रहा हो।
¤ गौसेवक अपने को फन्नेखां न समझता हो।
¤ गौसेवक काम के प्रति वफादार हो।

¤ सबसे महत्वपूर्ण- गौसेवक का पहचान पत्र अपने पास रख पुलिस वेरिफिकेशन जरूर करवायें।
¤ एडवांस धनराशि ग़लती से भी न दें ।

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