उत्तराखंड…बैकफुट पर विभाग : एक सप्ताह में ही घुटनों पर आ गया शिक्षिका को निलंबित करके सख्त कदम का संदेश देने वाला शिक्षा विभाग, निलंबन वापस

पौड़ी। बीते करीब एक सप्ताह पूर्व निलंबित हुई थलीसैंण ब्लाक के प्राइमरी स्कूल बगवाड़ी में कार्यरत सहायक अध्यापिका को शिक्षा महकमे ने बहाल कर दिया । शिक्षिका के निलंबन को प्राथमिक शिक्षक संघ और एसएमसी ने गलत ठहराते हुए अविलंब बहाली की मांग की थी। शिक्षिका को 21 सितंबर को निलंबित कर दिया गया था।

इस मामले में उपशिक्षाधिकारी थलीसैंण को जांच अधिकारी बनाया गया था। आरोप था कि बिना अनुमति के सहायक अध्यापिका शीतल रावत ने गांव की एक लड़की को पठन-पाठन के लिए रखा है और उसे ढाई हजार रुपए मानदेय दिया जा रहा है। स्कूल का औचक निरीक्षण बीती 20 सितंबर को सीईओ पौड़ी ने किया था।

जिस पर उनके वेतन पर अग्रिम आदेशों तक रोक लगा दी गई थी। लेकिन दूसरे ही दिन डीईओ बेसिक ने शिक्षिका को निलंबित कर दिया। शिक्षका पर लड़की के भुगतान देने संबंधी अभिलेख नहीं मिले और अध्यापिका ने कहा बताया कि उन्हें नियमों की जानकारी नहीं है। छात्र हित में यह कदम उठाया गया था। जांच में अध्यापिका पर लगाए गए अन्य आरापों की पुष्टि नहीं हुई।

डीईओ बेसिक डा. शिव पूजन सिंह ने अध्यापिका शीतल रावत के बहाली के आदेश जारी किए हैं। हालांकि हितायद भी दी गई वह भविष्य में ऐसे कृत्य न करे। अध्यापिका के निलंबन को लेकर प्राथमिक शिक्षक संघ ने भी कड़ी नाराजगी जताई थी।

अध्यापिका के पक्ष में एसएमसी भी उतर गई थी और उन्होंने विभागीय कार्रवाई का विरोध करते हुए आंदोलन की भी चेतावनी दी थी। प्राथमिक शिक्षक संघ ने इस निलंबन को लेकर 29 सितंबर को भी धरने की भी चेतावनी दी गई थी।

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संघ के जिलाध्यक्ष मनोज जुगरान ने बताया कि अध्यापिका की बहाली के बाद धरने को भी स्थगित कर दिया गया है।

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