हल्द्वानी..ब्रेकिंग : मकान मालिक से विवाद सुलझाने निकला फैक्ट्री स्वामी 9 दिन से लापता, पुलिस ने दर्ज किया मकान मालिक पर केस

हल्द्वानी। बीमारी की वजह से हल्द्वानी के आरटीओ रोड स्थित विर्क काम्पलैक्स के 12 कमरों में  फूड स्टफ की फैक्ट्री चलाने वाला किच्छा निवासी एक व्यापारी पिछले नौ दिन से लापता है। दरअसल वह अपने मकान मालिक द्वारा लाखों रूपये की मशीनें व अन्य सामान जब्त कर लेने के मामले में बातचीत के लिए हल्द्वानी आया था। उसके पिता ने संदेह के आधार पर विर्क काम्प्लैक्स के मालिक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।
मिल रही जनकारी के अनुसार किच्छा के नालन्दा रेजिडेन्सियल स्कूल के प्रधानाचार्य अशोक कुमार सिन्हा का बेटा आकाश सिन्हा हल्द्वानी के आरटीओ रोड स्थित विर्क काम्पलैक्स में 12 दुकानें किराए पर लेकर स्पाइस मास्टर्स प्रा0लि0 नाम से फूड स्टफ की फैक्ट्री चलाता था। इसी वर्ष माह अप्रैल  से सात जून तक आकाश का स्वास्थ्य खराब होने के कारण दिल्ली में रहा और इन दो महीनों में फैक्ट्री बंद रही। यहांतक कि आकाश विर्क काम्पलैक्स के स्वामी सतनाम सिंह को दो महीने का किराया भी नहीं दे सका।  

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आरोप के अनुसार इसी बीच मकान मालिक सतनाम सिंह ने बगैर किसी प्रकार की सूचना के फैक्ट्री का ताला तोड़कर लगभग 30 लाख की मशीनें, कच्चा माल, ऑफिस का सारा सामान,  फर्नीचर, बिजली फिटींग्स, वाटर कूलर तथा अन्य संबधित सामान निकाल लिया। यह सारा सामान  सतनाम सिंह के घर के आंगन में खुले आसमान के नीचे फेंका पाया गया। आकाश ने इस बारे में क्षेत्री पुलिस चौकी को भी जानकारी दी थी। 4 जुलाई को  आकाश सुबह लगभग दस बजे सतनाम सिंह से मिलने निकला था, लेकिन आकाश इसके बाद वापस नहीं लौटा। अपने सभी रिश्तेदारों व परिचितों के पास दिखवाने के बाद उसके पिता अशोक कुमार सिन्हा कल देर सांय पुलिस की शरण में पहुंचे।

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उनका आरोप है कि  सतनाम सिंह आकाश को कई बार जान से मारने की धमकी दे चुका है। अशोक कुमार सिन्हा ने आशंका जताई है कि  उनके बेटे के साथ सतनाम सिंह ने कोई अप्रिय घटना न कर दी हो।

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मुखानी पुलिस ने अशोक कुमार सिन्हा की तहरीर पर सतनाम सिंह के खिलाफ  आईपीसी की धारा 406,506 व 427 के तहत मामला दर्ज कर लिया है।

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क्या है आईपीसी की धारा 407
यदि कोई व्यक्ति ने किसी दूसरे व्यक्ति को विश्वास / भरोसे पे संपत्ति दी है और उस दूसरे व्यक्ति ने उस संपत्ति का ग़लत इस्तेमाल किया / किसी अन्य व्यक्ति को बेच दिया / पहले व्यक्ति के माँगने पर नही लौटाया, तो वह विश्वास के आपराधिक हनन का दोषी होगा और उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे तीन वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, या आर्थिक दंड, या दोनों से दंडित किया जाएगा । यह एक गैर-जमानती, संज्ञेय अपराध है और प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।

क्या है आईपीसी की धारा 506
जो कोई भी आपराधिक धमकी का अपराध करता है, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे दो साल तक बढ़ाया जा सकता है या आर्थिक दंड या दोनों के साथ दंडित किया जा सकता है।
यदि धमकी मृत्यु या गंभीर चोट, आदि के लिए है – और यदि धमकी मौत या गंभीर चोट पहुंचाने, या आग से किसी संपत्ति का विनाश कारित करने के लिए, या मृत्युदंड या आजीवन कारावास से दंडनीय अपराध कारित करने के लिए, या सात वर्ष तक की अवधि के कारावास से दंडनीय अपराध कारित करने के लिए, या किसी महिला पर अपवित्रता का आरोप लगाने के लिए हो, तो अपराधी को किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे सात साल तक बढ़ाया जा सकता है, या आर्थिक दंड, या दोनों के साथ दंडित किया जा सकता है।
यह एक जमानती, गैर-संज्ञेय अपराध है और प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है। यह अपराध पीड़ित व्यक्ति के द्वारा समझौता करने योग्य है।

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क्या है आईपीसी की धारा 427
जो भी ऐसी कोई कुचेष्टा करेगा और जिससे पचास रुपए या उससे अधिक की हानि या नुकसान हो, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास की सजा जिसे दो वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है या आर्थिक दंड या दोनों से दंडित किया जाएगा। यह एक जमानती, गैर-संज्ञेय अपराध है और किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है। यह अपराध पीड़ित व्यक्ति द्वारा समझौता करने योग्य है, अगर नुकसान या क्षति किसी निजी व्यक्ति की हो।

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