उत्तराखंड ब्रेकिंग : 15 मई को खुलेंगे गंगोत्री धाम के कपाट, चारधाम यात्रा पर कोरोना का साया

देहरादून। करोड़ों हिंदुओं की आस्था का केंद्र उत्तराखंड में गंगोत्री धाम के कपाट 15 मई की सुबह साढ़े सात बजे खुलेंगे। इसका शुभ लग्न तय कर दिया गया है। इसके बाद भक्तों के दर्शनार्थ मंदिर को खोल दिया जाएगा। साथ ही आगामी छह माह तक गंगां माता की पूजा अर्चना यहीं पर होगी। वहीं, सिखों के पवित्र स्थल श्री हेमकुंड साहिब के कपाट 10 मई को खुलेंगे। पिछले साल कोरोनाकाल के चलते हेमकुंड साहिब की यात्रा मात्र 36 दिन ही चली थी। वहीं हिंदुओं की आस्था के केंद्र श्री केदारनाथ धाम के कपाट 17 मई सोमवार को प्रात: 5 बजे, श्री बदरीनाथ धाम के कपाट इस यात्रावर्ष 18 मई को प्रात: 4 बजकर 15 मिनट पर खुलेंगे।

गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया के दिन खुलते हैं। इस बार अक्षय तृतीय 14 मई से 15 मई तक है। ऐसे में आज मंदिर समिति की बैठक में तीर्थ पुरोहितों की उपस्थिति में कपाट खुलने का समय निकाला गया। तय किया गया कि 14 मई को मुखीमठ से मां गंगा की डोली गंगोत्री के लिए प्रस्थान करेगी। इस दिन भैरव घाटी स्थित भैरव मंदिर में रात्रि विश्राम किया जाएगा। अगले दिन की सुबह 15 मई को यहां से डोली प्रस्थान करेगी और गंगोत्री पहुंचने पर सुबह साढ़े सात बजे मंदिर के कपाट खोल दिए जाएंगे। गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट खुलने से साथ ही चारधाम यात्रा की शुरूआत हो जाती है। उक्त जानकारी मंदिर समिति के सचिव दीपक सेमवाल ने दी। अभी यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने का समय तय नहीं किया गया है।

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चारधाम यात्रा में भी कोरोना का साया
अब चारधाम यात्रा में भी कोरोना का साया नजर आ रहा है। उत्तराखंड में अगले माह से शुरू होने वाली चारधाम यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं को कोरोना की आरटीपीसीआर टेस्ट की निगेटिव रिपोर्ट अथवा वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट लाना अनिवार्य होगा। सरकार इस बार यात्रा को नियंत्रित करने की भी तैयारी कर रही है। धार्मिक स्थल की यात्री क्षमता के हिसाब से ही श्रद्धालुओं को आने की अनुमति दी जाएगी। इसके लिए प्रदेश सरकार द्वारा जल्द मानक संचालन कार्यविधि (एसओपी) जारी की जाएगी।

पिछले साल देरी से शुरू की गई थी यात्रा
प्रदेश में हर वर्ष होने वाली चारधाम यात्रा में लाखों श्रद्धालु बदरीनाथ, केदारनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री के दर्शन करने आते हैं। बीते वर्ष कोरोना संक्रमण के चलते यह यात्रा जून के बाद शुरू की गई थी। उस समय भी यात्रियों का कोरोना टेस्ट और निगेटिव रिपोर्ट लाना अनिवार्य किया गया था। इस वर्ष यह यात्रा 15 मई से प्रस्तावित है। कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए अब सरकार कुंभ की तर्ज पर ही श्रद्धालुओं की आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट अथवा वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट लाना अनिवार्य कर रही है।

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