ये क्या : योगी की तर्ज पर उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग ने बदल दिए नामी शायरों के नाम, उपनाम इलाहाबादी से हो गए प्रयागराजी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज क्या किया उनके सिपाहसालारों की जैसे बेड़ियां ही खुल गई। मुख्यमंत्री से दो कदम आगे निकलकर उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग ने इलाहाबाद को तो प्रयागराज किया ही यहां जन्म लेने वाले नामी शायरों के उपनाम भी बदलकर इलाहाबादी की जगह प्रयागराजी कर दिये।


यकीन न हो तो आप भी उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग ऑफिशियल वेबसाइट uphesc.org के ‘ अबाउट अस’ कॉलम में अबाउट इलाहाबाद सब कॉलम में जाकर इसका नमूना देख सकते हैं।
यहां एबाउट इलाहाबाद सब कालम के अंग्रेजी अनुवाद को पढिये आप को सबूत मिल जाएगा।
इसमें प्रयागराज का इतिहास लिखा गया है।

462 शब्दों में लिखे गए इतिहास में जहां हिंदी साहित्य का इतिहास लिखा गया है उसमें अकबर इलाहाबादी को अकबर प्रयागराजी लिखा गया है। इसके अलावा तेग इलाहाबादी को तेग प्रयागराजी और राशिद इलाहाबादी को राशिद प्रयागराजी लिखा गया है।

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उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग के इस बदलाव की साहित्य जगह में कड़ी आलोचना हो रही है। सोशल मीडिया पर आयोग का यह पेज खूब शेयर हो रहा है। मशहूर कथाकार राजेंद्र कुमार भी उच्चतर शिक्षा आयोग के इस बदलाव को मूर्खता कहा है।

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राजेंद्र कुमार कहते हैं कि नाम तो शहर का बदला गया है। अगर कोई कालजयी साहित्यकार अपने नाम के आगे इलाहाबादी लिखता रहा है और वही उसकी पहचान हो गई हो तो उसे कैसे बदला जा सकता है? यह तो इतिहास को मिटाने जैसा काम है। आयोग को इसे तत्काल ठीक करना चाहिए।

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