ऋषिकेश न्यूज : एम्स में दिवंगत प्रो. प्रतीक के स्मरण को बुलाई शोक सभा, उनका जाना स्त्रीरोग चिकित्सा जगत के लिए क्षति बताया

ऋषिकेश। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स ऋषिकेश में सोमवार को श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया,जिसमें संस्थान के चिकित्सकों, फैकल्टी सदस्यों, अधिकारियों ने दिवंगत प्रोफेसर शशि प्रतीक का भावपूर्ण स्मरण किया व उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की। कहा गया ​कि प्रो. प्रतीक के असामयिक निधन से एम्स परिवार ही नहीं देश के स्त्री रोग चिकित्सा क्षेत्र को भारी क्षति हुई है,जिसकी भरपाई संभव नहीं है। बताया गया कि उन्होंने एक ऐसे परिवार में जन्म लिया जहां बेटियों की शिक्षा के महत्व को समझा गया,नतीजतन वह अपने क्षेत्र की पहली महिला चिकित्सक बनीं तथा उन्होंने जीवनपर्यंत अपने आसपास के अभावग्रस्त समाज के उत्थान व चिकित्सा सेवा के लिए कार्य किया।

सोमवार को आयोजित सभा में संस्थान परिवार ने दो मिनट का मौंन रखा व एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत की बड़ी बहन, स्त्री रोग विभाग की वरिष्ठ चिकित्सक व पूर्व में वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज व सफदरजंग अस्पताल नई दिल्ली की स्त्री रोग विभाग की विभागाध्यक्ष रहीं दिवंगत प्रो. शशि प्रतीक को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर अपने संबोधन में निदेशक एम्स पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने बताया कि उनकी बड़ी बहन प्रोफेसर (डॉ) शशि प्रतीक ने अपने घर परिवार से प्रेरणा लेकर उच्चस्तरीय चिकित्सा शिक्षा प्राप्त की और अपने अनुभव को सेवा कार्य में लगाया। बताया कि अपने आसपास की अभावग्रस्त पृष्ठभूमि का अनुभव किया और उस समाज के लिए कुछ कर गुजरने का संकल्प लेकर जीवनपर्यंत चिकित्सा व शिक्षा सेवा के रूप में उस समाज से जुड़ी रहीं। बताया कि प्रो. शशि प्रतीक से प्रेरणा लेकर इसी समाज की पांच लड़कियां आज अमेरिका में चिकित्सा के क्षेत्र में कार्य कर रही हैं। पूर्व में वर्धमान मेडिकल कॉलेज और सफदरजंग अस्पताल, नई दिल्ली में स्त्री रोग विभागाध्यक्ष रहीं प्रो.शशि प्रतीक एक बहुत ही सक्षम सर्जन रही हैं।

उनका गांवों से विशेष लगाव रहा है, जिसके चलते वह स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित ऐसे इलाकों आउटरीच कार्यक्रमों के माध्यम से नियमित स्वास्थ्य शिविर आयोजित किया करती थीं। वह हमेशा बेटी पढ़ाओ बेटी बढ़ाओ की हिमायती रही हैं और इसके लिए वह कई दशकों से हरवर्ष लगातार अपने गांव के आसपास के विद्यालयों के कक्षा पांच, आठ, 10वीं व 12वीं में सर्वोच्च अंक प्राप्त वाले बच्चों को हरवर्ष शिक्षा सहायता प्रदान करती रही हैं। गाइनी विभागाध्यक्ष प्रो. जया चतुर्वेदी ने बताया कि प्रो. शशि उनकी वरिष्ठ रही हैं, वह पूरी टीम को हमेशा बेहतर कार्य के लिए प्रेरित करती थीं। बताया कि प्रो. प्रतीक ग्रामीण क्षेत्रों में रहकर लोगों की सेवा करना चाहती थीं,जिससे लोग चिकित्सा से वंचित नहीं रहें। एम्स के स्त्री रोग विभाग की एडिशनल प्रोफेसर डा. अनुपमा बहादुर ने बताया ​कि दिवंगत प्रोफेसर शशि प्रतीक जी को अपनी जड़ों से गहरा लगाव था व हमेशा ग्रासरूट पर कार्य करती थीं। मरीजों के साथ साथ अपने सहकर्मियों व अन्य सभी के प्रति उनका बेहद सौम्य व्यवहार रहा है। उन्होंने संस्थान के स्त्री रोग विभाग की प्रगति के लिए उल्लेखनीय कार्य किया और निहायत कम समय में उसे नई ऊंचाइयां प्रदान कीं। सभा में मौजूद एम्स डीन प्रोफेसर मनोज गुप्ता, एमएस प्रो. बीके बस्तिया, डीएचए प्रो. यूबी मिश्रा , दिवंगत प्रो. प्रतीक के पुत्र आदित्य, पुत्री कोकिल, प्रो. ब्रिजेंद्र सिंह, प्रो. लतिका मोहन, वित्त सलाहकार पी के मिश्रा, रजिस्ट्रार राजीव चौधरी, डा. मधुर उनियाल, डा. बलरामजी ओमर, डा. भियांराम, डा. अनुभा अग्रवाल, विधि अधिकारी प्रदीपचंद्र पांडेय, समेत कई अन्य फैकल्टी सदस्यों, कार्मिकों ने दिवंगत प्रो. शशि प्रतीक को श्रद्धासुमन अर्पित किए।

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