नालागढ़ के कांग्रेसी नेता व पूर्व ब्लाक अध्यक्ष असीम शर्मा की कोरोना से मौत, बनाया 10 लाख का बिल, अस्पताल प्रबन्धन पर लगाया शव न देने का आरोप

नालागढ़। एक तरफ जहां पूरा देश ही नहीं बल्कि विश्व कोरोना महामारी से जूझ रहा है वही पंजाब के मोहाली में स्थित एक निजी अस्पताल द्वारा कोरोना मरीजों के इलाज के नाम पर जमकर लूट की जा रही है ताजा मामला प्रदेश के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र नालागढ़ का है। जहां पर नालागढ़ के रहने वाले एक कांग्रेसी नेता एवं कांग्रेस के पूर्व ब्लाक अध्यक्ष असीम शर्मा की मोहाली के एक निजी अस्पताल में कोरोना के इलाज के दौरान मौत हो गई।

आपको बता दें कि असीम शर्मा को 20 अप्रैल को जब उनकी तबीयत खराब ज्यादा हो गई तो उन्हें मोहाली के एक निजी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती करवाया गया था असीम शर्मा को अभी भर्ती हुए करीबन 15 दिन हुए थे कि उनकी 4 मई को इलाज के दौरान मौत हो गई और अस्पताल प्रशासन की ओर से बताया गया कि उनकी मृत्यु कोरोना वायरस से हुई है। हैरानी तो इस बात की हुई जब अस्पताल प्रशासन द्वारा 15 दिनों का बिल करीबन दस लाख बना दिया गया आपको बता दें कि मृतक को दाखिल हुए करीबन 15 दिन ही हुए थे और अस्पताल प्रशासन द्वारा करीबन 10 लाख का बिल बना दिया गया है जिनमें से 2 लाख रुपया उनके परिवार की ओर से जमा करवा दिया गया था लेकिन अभी भी अस्पताल प्रशासन का कहना है कि जब तक बकाया बिल जमा नहीं करवाया जाता तब तक बॉडी को उनके परिवार वालों को नहीं दिया जाएगा।

यहां पर पीड़ित के परिवार और स्थानीय लोगों द्वारा अस्पताल प्रशासन पर कोरोना इलाज के दौरान लूट के गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं और कहा जा रहा है कि 15 दिन ही मात्र दाखिल को हुए थे और बिल करीबन 10 लाख बना दिया गया पीड़ित परिवार और स्थानीय लोगों द्वारा सरकार व प्रशासन से जहां बिलों में छूट की मांग उठाई गई है वहीं यह भी गुहार लगाई जा रही है कि एक तो उनके परिवार का सदस्य नहीं रहा और निजी अस्पताल द्वारा उनसे इलाज के नाम पर लाखों रुपया लूटा जा रहा है इस दौरान कुछ सामाजिक संस्थाएं भी आगे आई हैं। जिन्होंने लोगों को अच्छे इलाज के नाम पर दी जाने वाली सेवाओं के नाम पर सरेआम लूट को लेकर ऐसे निजी अस्पतालों के खिलाफ जहां सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग उठाई गई है वहीं ऐसे अस्पतालों के लाइसेंस भी रद्द करवाने की मांग उठाई गई है।

अब देखना यह होगा कि कब ऐसी अस्पतालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होती है और कब लोगों को इलाज के नाम पर लूट का गोरखधंधा बंद होता है।

आपको बता दें कि मृतक असीम शर्मा 52 साल के थे वह कांग्रेस पार्टी के ब्लॉक नालागढ़ के पूर्व अध्यक्ष रह चुके थे और सुखविंदर सिंह सुक्खू के काफी करीबी थे असीम शर्मा ओल्ड स्टूडेंट एसोसिएशन के भी दो बार अध्यक्ष रह चुके थे बार एसोसिएशन के भी वह अध्यक्ष रह चुके थे।

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इस बारे में जब हमने मृतक के परिजनों से बात की तो उन्होंने कहा कि जब पहले दिन वह मृत्यु को अस्पताल में दाखिल करने के लिए लेकर आए थे तो अस्पताल के काउंटर पर बैठे लोगों द्वारा कहा गया था कि अगर नॉर्मल वार्ड में पेशेंट को शिफ्ट किया जाता है तो 12000 पर डे के हिसाब से चार्ज लगेगा और अगर आईसीयू वार्ड में मरीज को शिफ्ट किया जाता है तो 20 हजार के करीब प्रतिदिन खर्चा आएगा उन्होंने कहा कि अब निजी अस्पताल प्रबंधन द्वारा 14 दिन के करीबन नौ लाख से ज्यादा का बिल थमा दिया है।

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उन्होंने कहा कि निजी अस्पताल प्रशासन द्वारा मरीजों से लूट की जा रही है और हद से भी ज्यादा मरीजों के इलाज के नाम पर पैसे लूटे जा रहे हैं मृतक के रिश्तेदारों का कहना है कि न तो अस्पताल में तैनात डॉक्टर मरीज की जान बचा पाए हैं और अब 14 दिन तक मरीज के दाखिल रहने के बाद करीबन 10 लाख के करीब का बिल मांगा जा रहा है जो कि गलत है उन्होंने सरकार व प्रशासन से अस्पताल प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठाई है।

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इस बारे में जब हमें मायो अस्पताल मोहाली के सीईओ संजय बागरची से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने हमारा फोन नहीं उठाया।

इस बारे में जब हमने मायो अस्पताल मोहाली में तैनात डॉक्टर डिम्पल गुप्ता से बात की तो उन्होंने बताया कि असीम शर्मा जो कि अस्पताल में दाखिल थे उनकी बीती रात कोविड-19 की वजह से मौत हो गई है यह कहने के बाद डॉक्टर द्वारा फोन काट दिया गया और दोबारा फोन ही नहीं उठाया गया।

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