हल्दूचौड़ : आजाद भारत में शिक्षक-छात्र की भूमिका पर एकदिवसीय विचारगोष्ठी आयोजित

हल्दूचौड़। लाल बहादुर शास्त्री राजकीय महाविद्यालय हल्दूचौड़ में भारत सरकार एवं राष्ट्रीय सेवा योजना के निर्देशानुसार आजादी के अमृत महोत्सव पखवाड़े के तहत आजाद भारत के 75 वर्षों में शिक्षक और छात्र की भूमिका पर विचार संगोष्ठी आयोजित की गई। महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर डॉ. मनोहर सिंह मुनौला ने मुख्य वक्ता के रुप में मंच का संचालन करते हुए वर्तमान और भविष्य में राष्ट्र के विकास में शिक्षक और छात्र की भूमिका पर विस्तार से प्रकाश डाला। वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ. जयचंद्र कुमार गौतम ने जीवन में नैतिक मूल्यों और आदर्शों का पालन करते हुए शिक्षक को विद्यार्थियों के सर्वांगीर्ण विकास में योगदान देने के लिए प्रेरित किया।

वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ. एल.पी. वर्मा ने विचार संगोष्ठी में शिक्षकों और विद्यार्थियों को विषय के सैदान्तिक ज्ञान को व्यवहारिक और प्रयोगात्मक ज्ञान में परिवर्तित करने की जानकारी प्रदान की।

वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ. ललित मोहन पाण्डे ने कहा कि शिक्षक ज्ञान का वह स्रोत है जो वर्तमान और भविष्य को संवारने में महत्वपूर्ण योगदान प्रदान कर सकता है। आजादी के अमृत महोत्सव के 75 वर्षों में शिक्षक और छात्र की भूमिका पर डॉ. शुभ्रा कांडपाल, डॉ. अजित कुमार सैनी, डॉ.भारत डोबाल, डॉ.पी. सागर, डॉ. मनीषा कड़ाकोटी, डॉ. नीलम कनवाल, डॉ. दीप्ति बिष्ट, डॉ.गीता तिवारी, डॉ. पुष्पा देवी, डॉ. रवीश त्रिपाठी, डॉ. मनोज कुमार जोशी, डॉ. भगवती देवी, डॉ. मंजू जोशी, डॉ. हेम चन्द्र पाण्डे, डॉ. वसुंधरा लसपाल, डॉ. हेमलता गोस्वामी, डॉ. गीता भट्ट, डॉ.सरोज पंत, डॉ. पूनम मियान एवं राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम अधिकारी डॉ. हेम चन्द्र पाण्डे ने अलग-अलग विषयों पर अपने-अपने विचार संगोष्ठी में प्रस्तुत किए गए।

इस अवसर पर महाविद्यालय के भुवन चन्द्र सनवाल, हरीश जोशी, दीपक फुलारा, प्रेमा भट्ट, हेमा जीना, वीना सनवाल, मुन्नी जोशी, लक्ष्मी फर्त्याल, उमाशंकर दुमका, गणेश दत्त जोशी, जयपाल और राकेश कुमार आदि उपस्थित रहे।

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