अयोध्या। अयोध्या का नाम सामने आते ही हिंदू मुस्लिम के संघर्ष की जो तस्वीर नजरों के सामने घूमने लगती है उसमें बाबरी ढांचा, निर्माणाधीन राम मंदिर और हिंदू— मुस्लिम तनाव की झलक आखों के सामने नाचने लगती है। लेकिन यह तस्वीर सही नहीं है। यदि ऐसा होता तो यहां के हिंदू बाहुल्य राजनपुर पंचायत के लोग गांव के इकलौता मुस्लिम परिवार से ताल्लुक रखने वाले हाफिज अजीमुद्दीन को अपना प्रधना क्यो चुनते।
दरअसल, अयोध्या के रुदौली विधानसभा क्षेत्र में पड़ने वाले राजनपुर गांव में हाल ही में पंचायत के चुनाव हुए हैं, इनमें हाफिज को सरपंच चुना गया है। 6 उम्मीदवारों के बीच वे इकलौते मुसलमान थे और गांव था हिंदू बाहुल्य । लेकिन लोगों ने मजहब की दीवार अपने एक एक वोट की चोट से गिरा दी। गांव में करीब 600 मतदाता हैं, जिनमें सिर्फ 27 मुस्लिम हैं। ये सभी लोग हाफिज के परिवार या रिश्तेदारी के ही लोग हैं। कुल डाले गए वोटों में से हाफिज को 200 वोट मिले और वे प्रधान चुन लिए गए। जीत के बाद हाफिज कहते हैं कि गांव की प्रधानी जीतना ईद के तोहफे जैसा है। वो कहते हैं कि हिंदूओं के समर्थन ने ही उन्हें प्रधान बनाया है और अब लोगों की उम्मीद को पूरा करना उनका फर्ज है। पेशे से किसान हाफिज ने मदरसे से आलिम और हाफिज की डिग्री ली है। उनके पास मदरसे में अध्यापन का दस का तजुर्बा भी है।
हाफिज की जीत के लिए गांव वालों ने सुंदरकांड का पाठ करवाया था। मंदिरों में भजन- कीर्तन और जाप करवाए थे। हाफिज कहते हैं कि यह उन सबकी जीत है। हालांकि वे यह भी कहते हैं कि कुछ लोगों ने हिंदू-मुस्लिम करने की कोशिश भी की। दाढ़ी टोपी पर सवाल भी उठाए, लेकिन जीत आखिर इंसानियत की हुई।
यह है असली भारत : अयोध्या के हिंदू बाहुल्य गांव के लोगों ने चुना मुस्लिम प्रधान, जीतने के बाद बोले हाफिज-पंचायत ने उन्हें ईद का तोहफा दिया
UPDATES
Recent Comments :
यह है असली भारत : अयोध्या के हिंदू बाहुल्य गांव के लोगों ने चुना मुस्लिम प्रधान, जीतने के बाद बोले हाफिज-पंचायत ने उन्हें ईद का तोहफा दिया
अयोध्या। अयोध्या का नाम सामने आते ही हिंदू मुस्लिम के संघर्ष की जो तस्वीर नजरों के सामने घूमने लगती है उसमें बाबरी ढांचा, निर्माणाधीन राम मंदिर और हिंदू— मुस्लिम तनाव की झलक आखों के सामने नाचने लगती है। लेकिन यह तस्वीर सही नहीं है। यदि ऐसा होता तो यहां के हिंदू बाहुल्य राजनपुर पंचायत के लोग गांव के इकलौता मुस्लिम परिवार से ताल्लुक रखने वाले हाफिज अजीमुद्दीन को अपना प्रधना क्यो चुनते।
दरअसल, अयोध्या के रुदौली विधानसभा क्षेत्र में पड़ने वाले राजनपुर गांव में हाल ही में पंचायत के चुनाव हुए हैं, इनमें हाफिज को सरपंच चुना गया है। 6 उम्मीदवारों के बीच वे इकलौते मुसलमान थे और गांव था हिंदू बाहुल्य । लेकिन लोगों ने मजहब की दीवार अपने एक एक वोट की चोट से गिरा दी। गांव में करीब 600 मतदाता हैं, जिनमें सिर्फ 27 मुस्लिम हैं। ये सभी लोग हाफिज के परिवार या रिश्तेदारी के ही लोग हैं। कुल डाले गए वोटों में से हाफिज को 200 वोट मिले और वे प्रधान चुन लिए गए। जीत के बाद हाफिज कहते हैं कि गांव की प्रधानी जीतना ईद के तोहफे जैसा है। वो कहते हैं कि हिंदूओं के समर्थन ने ही उन्हें प्रधान बनाया है और अब लोगों की उम्मीद को पूरा करना उनका फर्ज है। पेशे से किसान हाफिज ने मदरसे से आलिम और हाफिज की डिग्री ली है। उनके पास मदरसे में अध्यापन का दस का तजुर्बा भी है।
हाफिज की जीत के लिए गांव वालों ने सुंदरकांड का पाठ करवाया था। मंदिरों में भजन- कीर्तन और जाप करवाए थे। हाफिज कहते हैं कि यह उन सबकी जीत है। हालांकि वे यह भी कहते हैं कि कुछ लोगों ने हिंदू-मुस्लिम करने की कोशिश भी की। दाढ़ी टोपी पर सवाल भी उठाए, लेकिन जीत आखिर इंसानियत की हुई।