नैनीताल…वाह जी : माता—पिता का आभार जताने के लिए युवक ने चुना अनोखा तरीका
नैनीताल। अक्सर युवा अपने परिजनों का आभार जताने के लिए तरीके अपनाते हैं, लेकिन अल्मोड़ा के एक युवक ने परिजनों का आभार जताने का एक नायाब तरीका अपनाया जो अनोखा तो है की साथ साथ उत्तराखंड की कुमाऊनी संस्कृति का भी प्रचार कर रहा हैं।
इस युवक ने उत्तराखंड की ऐपण शैली से लिखे बोर्ड में अपने माता पिता और परिजनों के नाम लिखकर नैनीताल भ्रमण किया। नैनीताल में बोटिंग करते समय पर्यटकों के बीच हरीश सिंह लटवाल नाम का एक अनोखा युवक दिखाई दिया। हरीश के हाथ में एक तख्ती थी जिसमें उत्तराखंड की ऐपण शैली से दो स्वागती महिलाओं तस्वीरें बनी हुई थी।
इसके अलावा बोर्ड में हरीश के पिता प्रताप सिंह लटवाल, माता प्रेमा देवी, भाई कैलाश और हरीश सिंह लटवाल लिखा हुआ है। बोर्ड के चारों तरफ पीले रंग से बॉर्डर को हाईलाइट करते हुए डिजाइन बनाए गए हैं। बोर्ड में सफेद रंग की लेखनी के अलावा अधिकतर हिस्सा लाल रंग का है। युवक ने बताया कि वो उत्तराखंड के ही अल्मोड़ा का रहने वाला है और नैनीताल घूमने आता रहता है।
हरीश को यहां का मौसम बहुत अच्छा लगता है। हरीश ने कहा कि राज्य की लोक संस्कृति को दर्शाती ऐपण शैली से वो बहुत प्रभावित हुए और इसे बनाने वाले का धन्यवाद किया। हरीश ने कहा कि उन्होंने परिवार के सदस्यों का आभार जताने के लिए यह तरीका निकाला। हरीश ने कहा कि उनकी इच्छा है कि उनकी संस्कृति राज्य के बाहर तक पहुंचे, इसलिए उन्होंने ऐपण वाला ऐसा बोर्ड पकड़कर लोगों के बीच जाने का मन बनाया।