उत्तराखंड… #यह_क्या : यह बाबा खाने को इंसानी मांस और पीने को खून मांगता है, ग्रामीणों में दहशत, राजस्व पुलिस से शिकायत की तो बाबा फरार

यमकेश्वर। उत्तराखंड में पौड़ी जिले के यमकेश्वर विकास खंड के किमसारी क्षेत्र के ताल, तल्ला बड़ांस और मल्ला बड़ांस गांव में एक साधु की वजह से लोगों का जीना हराम हो गया है। हालांकि गांव वालों का विरोध बढ़ते देख बाबा 19 नवंबर की रात अपने आश्रम से चुपचाप निकल भागा है लेकिन ग्रामीणों को शक है कि वह कभी भी वापस लौटकर क्षेत्र में अप्रिय घटना को अंजाम दे सकता है। दरअसल पिछले कुछ दिनों से बाबा बार बार ऐलान कर हा है कि वह अघोरी बाबा है और उसकी भूख इंसानी मांस से मिटेगी, यही नहीं एक वृद्धा तो यह भी बताती हैं कि उन्होंने अपनी आखों से उसे एक युवक पर वार करके उसके खून को पीते हुए देखा है। फिलहाल ग्रामीणों ने ग्राम प्रधानों के माध्ण्यम से राजस्व पुलिस को घटना से आगत करा दिया है। साथ ही बाबा के ठिकाने को भी तहस नहस कर दिया है।


मल्ला बड़ांस पंचायत के प्रधान वचन सिंह के अनुसार कभी इस पंचायत में पंचायत बन कर आए भूपेंद्र सिंह बिष्ट ने अपनी नियुक्ति के कुछ ही दिन बाद विरक्ति हो जााने के कारण नौकरी छोड़ दी। उसे ग्रामीणों ने किमसारी के मंदिर में रहने के लिए जगह दे दी, लेकिन जब वहां विवाद हुआ तो मंदिर समिति ने उसे वहां से निकाल दिया था। इसके बाद बाबा ने जिला पंचायत के एक टिन शेड को अपना ठिकाना बना लिया। धीरे धीरे वहां पर एक मंदिर भी बना लिया।

उसे लोग निर्माण सामग्री दान भी देते रहे। पिछले कुछ महीनों से बाबा के स्वभाव में अचानक आक्रामकता आ गई। वह स्वयं को अघोरी बताने लगा। उसका दावा है कि वह मनुष्य का मांस खाता है। गांव की एक वृद्धा बताती हैं कि उनकी आखों के सामने ही बाबा देहरादून से मंदिर में आए एक युवक को बाल पकड़ कर घसीटते हुए अपनी कुटिया में ले गया और वहां उसके सिर पर वार कर दिया। उसके सिर से खून बहने लगा जिसे बाबा ने अपनी अंजुली में भर कर पी लिया।


इस प्रकार एक ग्रामीण वीरेंद्र सिंह बताते हैं कि वे कुछ दिन पहले अपने पशुओं को लेकर जंगल में गए थे। जहां बाबा ने उन्हें घर लिया और उन्हें मारने के लिए दौड़ा। बाबा को हमलावर देख वीरेंद्र सिंह जंगल में ही छिप गए। वे बाबा के डर के मारे पूरी रात जंगल से नहीं निकले। सुबह ग्रामीणों ने उन्हें जंगल से घर पहुंचाया।


इसी प्रकार तीन दिन पहले एक युवक की मृत्यु के बाद जब ग्रामीण शमशान घाट पर उसका अंतिम संस्कारकर रहे थे तब बाबा वहीं पहुंच गया। उसने लोगों को गालियां देते हुए कहा कि तुमने इसे जलाया क्यों में इसका कच्चा मांस खाता। डरे हुए लोग किसी तरह अपने घर पहुंचे।
एक महिला बताती है कि उसकी बच्चियां स्कूल से घर आ रही थीं अचानक बाबा गालियां देते हुए हाथ में फरसा लेकर उनकी ओर दौड़ा। बच्चियां डर कर झाड़ियों में छिप् गई। बाद में वे जैसे तैसे अपने घर पहुंची और पूरी कहानी मां बाप के सुनाई।

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इस बीच ग्रामीणों ने राजस्व पुलिस को मामले की शिकायत भी की। लेकिन इससे पहले कि पुलिस मौके पर पहुंचती, 19 नवंबर की रात को बाबा अचानक लापता हो गया। अब वह कहां है किसी को नहीं मालूम लेकिन राजस्व पुलिस के वैभव प्रताप बताते हैं कि बाबा को गिरफ्तार करके हम एसडीएम के सामने पेश करेंगे।

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हालांकि दो दिनों से बाबा गांव में नहीं लौटा है लेकिन ग्रामीणों की दहशत कम नहीं हुई है। उन्हें अंदेशा है कि बाबा गांव में लौटकर जरूर किसी अप्रिय घटना को अंजाम देगा।

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