सितारगंज… साइबर ​क्राइम : जिलाधिकारी की फोटो व नाम के सहारे तहसीलदार पर डाला जाल, व्हाट्सअप पर भेजे संदेश, तहसीलदार को शक होने पर हुआ खुलासा

नारायण सिंह रावत
सितारगंज।
साइबर अपराधियों ने अब सरकारी पदों पर बैठे वरिष्ठ अधिकारियों के नामों व चित्रों का सहारा लेकर ठगी के नये रास्ते खोज लिये हैं। कुछ दिन पहले देहरादून में सुप्रीम कोर्ट के जज के नाम से फोन डीपी बनाने और मंत्रियों से लेकर बड़े—बड़े अधिकारियों से बातचीत करने का खुलासा हुए अभी ज्यादा दिन नहीं बीते हैं कि उधमसिंह नगर की सितारगंज तहसील में जनपद के जिलाधिकारी के नाम से फर्जी फोन डीपी लगाने का मामला सामने आ गया है। इस फर्जीबाड़े में सितागंज के तहसीलदार को ही जाल में फसाया जा रहा था लेकिन उन्होंने संदेह होने पर जिलाधिकारी से बात कर स्थिति स्पष्ट कर ली। तहसीलदार जगमोहन त्रिपाठी ने सितारगंज थाने को मामले की लिखित तहरीर भेजी है।
तहसीलदार जगमोहन त्रिपाठी के अनुसार आज सुबह उन्हें व्हाट्सअप पर 7:20 मिनट पर पहला संदेश प्राप्त हुआ। उन्होंने जब मोबाइल नंबर की जांच की तो उस पर उधमसिंह नगर के जिलाधिकारी युगल किशोर पंत की फोटो ​लगी मिली और नीचे उपभोक्ता के नाम के आगे श्री युगल किशोर पंत लिखा मिला।

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इसके बाद सुबह 8:49 मिनट पर उसी व्हाट्सअप नंबर से उन्हें एक और संदेश प्राप्त हुआ। इसके बाद 8:52 मिनट पर उन्हें तीसरा संदेश प्राप्त हुआ। तीसरे संदेश की भाषा देखकर तहसीलदार को कुछ संदेह हुआ। उन्होंने अपना संदेह दूर करने के लिए सीधे जिलाधिकारी युगल किशोर पंत को ही फोन मिला दिया। जिलाधिकारी ने उन्हें बताया कि न तो वे इस नंबर का प्रयोग कर रहे हैं और न ही उन्होंने उनसे व्हाट्सअप पर कोई चैटिंग की है।

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तहसीलदार जगमोहन त्रिपाठी को समझते देर नहीं लगी कि जिलाधिकारी के नाम से साइबर ठग उनसे संपर्क कर रहे हैं। त्रिपाठी ने सितारगंज कोतवाली को इस मामले में शिकायत भेजी और आमजनता से अपील की है कि वे इस तरह के फर्जीवाड़े पर विश्वास न करे। फिलहाल सितारगंज कोतवाली में अभी मामला दर्ज करने की प्रक्रिया में है।

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