​ऋषिकेश न्यूज : दो-दो घाट फिर भी जगह कम, गंगा से सटाकर हो रहे कोरोना संक्रमितों के अंतिम संस्कार, शवों के अवशेष डाले जा रहे गंगा में

ऋषिकेश। तीर्थनगरी ऋषिकेश में दो—दो श्मशान घाट होते हुए शवों को जलाने के लिए जगह की कमी महसूस हो रही है। मजबूरी में लोग बिल्कुल गंगा तट से कोविड शवों का दाह संस्कार करने से परहेज नहीं कर रहे हैं।
ऐसे में अधजले शव भी गंगा में बहाए जा रहे हैं। लोगों का कहना है कि दाह संस्कार के बाद बिना विसंक्रमित किए शवों की राख भी गंगा में बहाई जा रही है। ऐसे में संक्रमण के फैलने का खतरा तो बढ़ रहा है।
बताया जा रहा है कि ऋषिकेश के दोनों मुक्तिधाम में रोजाना 20 से 30 शवों का दाह संस्कार किया जा रहा है। इनमें से 10 से 15 शव कोरोना संक्रमितों के होते हैं। पूर्णानंद घाट पर गंगा नदी के ठीक किनारे कोविड शवों को दाह संस्कार किया जा रहा है। कई बार दाह संस्कार के दौरान शवों के अवशेष भी गंगा नदी में बह जाते हैं।
चंद्रेश्वर नगर मुक्तिधाम में दाह संस्कार तो श्मशान घाट परिसर में ही होता है। लेकिन यहां भी दाह संस्कार के बाद बिना विसंक्रमित किए चिता की राख को गंगा में बहा दिया जाता है। इससे संक्रमण के फैलने की संभावना बढ़ जाती है।

यह भी पढ़ें 👉  रुड़की: चुनावी जनसभा में चमक उठी सीएम योगी की आंखें, जानीए क्या हुआ

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *