हल्द्वानी… ब्रेकिंग न्यूज : दोस्तों के साथ घूमने निकला युवक, रात को रूका दोस्त के घर, चिकित्सालय में मृत घोषित, पिता ने दोस्त पर कराया केस दर्ज
हल्द्वानी। घर से घूमने की बात कह कर निकला रात को घर नहीं पहुंचा और सुबह उसके दोस्त ने उसे गंभीर हालत में चिकित्सालय में भर्ती कराया। बाद में उसकी मौत हो गई। अब युवके पिता ने हल्द्वानी कोतवाली में इस मामले में मृतक के दोस्त पर संदेह जताते हुए तहरीर सौंपी है। पुलिस ने
विभिन्न धाराओं में मृतक के मित्र के खिलाफ केस दायर करके छानबीन शुरू कर दी है।
कोतवाली पुलिस कोदी गई तहरीर में नगर निगम हल्द्वानीकेवार्ड 38, लोहरियासाल मल्ला निवासी भुवनचंद्र सुयाल ने पुलिस को दी गई तहरीर में कहा है कि उनका 30 वर्षीय पुत्र कुशाग्र सुयाल 30 जून को दोपहर एक बजे यह कहते हुए आटो में बैठकर गया था कि वह दोस्तों के साथ घूमने जा रहा है।
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शाम तक वह नहीं लौटा तो उसके पिता ने रात को कई बार उसके नंबर पर काल की लेकिन कुशाग्र ने फोन नहीं उठाया। उसके बाद रात में 10 से 10:30 के बीच उसके मोबाइल से मेसेज आया कि वह नैनीताल गया है और सुबह ही घर आएगा ।
अगले दिन दोपहर लगभग 12 बजे मल्ला गोरखपुर, राम आश्रम गली, बरसाती नहर, हल्द्वानी निवासी उसके मित्र रंजन पाण्डे पुत्र श्री युगल किशोर पाण्डे जिला नैनीताल का फोन आया कि आपका कुशाग्र है और वह उसे विवेकानन्द हाँस्पिटल, मुखानी हल्द्वानी लेकर आया है। इस पर भुवन चंद्र सुयाल विवेकानंद चिकित्सालय पहुंचे तो कुशाग्र वहां मृत पड़ा था। वहां उसे बेटे को लेकर उसे सुशीला तिवारी हाँस्पिटल जाने के लिए कहा गया, जहां डाँक्टरों ने उसे मृत घोषित कर। इसके बाद उन्होंने 112 नंबर पर कॉल करके पुलिस को घटनाक्रम की सूचना दी।
पुलिस टीम को उस दिन वहां उपस्थित रंजन पांडे ने बताया था कि कुशाग्र सुयाल उसके घर पर प्रातः 09.30 बजे आया था और उसने ही उसे अपने घर पर रखा । जबकि 1 जुलाई को 12 बजे दिन में उसका स्वास्थ्य खराब हुआ और वह उसे 108 से हाँस्पिटल ले गया। लेकिन कुशाग्र के मोबाइल में एक वीडियो मिली जो भुवन ने उसी दिन पुलिस को भी दिखाई थी। यह वीडियो 30 जून की रात 8 बजे बनाई थी। जिसमें कुशाग्र, रंजन पाण्डे के घर पर फर्श में गिरा हुआ दिखाई दे रहा है और रंजन पाण्डे की माता व अन्य एक व्यक्ति भी उसी कमरे में मौजूद दिखाई दे रहा है।
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इस तथ्य से भुवन सुयाल को संदेह हो रहा है कि रंजन पाण्डे ने किसी द्वेश के चलते कुशाग्र कोकोई नशीला पदार्थ खिला या पिला दिया था जिससे उसकी मृत्यु हो गई।
उनका कहना है कि अगर रंजन साफ सुथरा होता तो वह 30 जून की रात 8 बजे उसका वीडियो बनाने की बजाय उसको उसी समय हाँस्पिटल ले जाता या उन्हें उसके स्वास्थ्य खराब होने की सूचना देता।उनका कहना है कि उस वक्त तो वे अपने बेटे के नंबर पर लगातार कॉल कर ही रहे थे।
पुलिस ने आईपीसी को 328 और 304 के तहत मामला दर्ज करके छानबीन शुरू कर दी है।
क्या होती है आईपीसी की धारा 328
भारतीय दंड संहिता की धारा 328 के अनुसार, जो भी कोई किसी व्यक्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए अथवा अपराध करने, या अपराध किए जाने को सुगम बनाने के आशय से, या यह सम्भाव्य जानते हुए कि इससे उसे नुकसान हो सकता है।कोई विष या जड़िमाकारी, नशा करने वाली या अस्वास्थ्यकर औषधि या अन्य चीज उस व्यक्ति को देगा तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास से दण्डित किया जाएगा। जिसे दस वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है। इसके अलावा उस पर आर्थिक दंड भी लगाया जा सकता है।
क्या होती है आईपीसी की धारा 304
जो कोई व्यक्ति गैर इरादतन हत्या (जो हत्या की श्रेणी में नही आता) करता है अथवा ऐसा कोई कार्य करता है जो मृत्यु का कारण हो, जिसे मृत्यु देने के इरादे से किया गया हो, या ऐसी शारीरिक चोट जो संभवतः मृत्यु का कारण हो पहुचाने के लिए किया गया हो, तो उसे आजीवन कारावास की सजा दी जाएगी, या उस व्यक्ति को किसी एक अवधि के लिए कारावास की सजा होगी। जिसे 10 साल तक बढ़ाया जा सकता है, और साथ ही वह आर्थिक दंड के लिए भी उत्तरदायी होगा। यह एक गैर-जमानती, संज्ञेय अपराध है और सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय है। यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।