बागेश्वर… नियति : सूने गांव, बंजर खेत, दरवाजों पर ताले, लोगों की तरह चुनाव से भी गायब है पलायन

विजय कार्कीबागेश्वर। 2022 विधानसभा की रणभूमि सज चुकी है। आरोप-प्रत्यारोप के साथ बढ़े-बढ़े दावों का दौर चल रहा है, लेकिन राजनैतिक दलों के रण दुदुंभियों के बीच पलायन, आपदा जैसे स्थानीय गंभीर मुद्दे खो गए से लगते हैं। कुमाऊं की काशी कहा जाने वाले बागेश्वर जिला पलायन की जबरदस्त मार झेल रहा है। रोजगार व … Continue reading बागेश्वर… नियति : सूने गांव, बंजर खेत, दरवाजों पर ताले, लोगों की तरह चुनाव से भी गायब है पलायन