झारखंड ब्रेकिंग: सिपाही भर्ती के दौरान 11 अभ्यर्थियों की मौत, बाबूलाल मरांडी का हेमंत सोरेन पर आरोप
रांची। गांव में एक कहावत कही जाती है कि सरकारी नौकरी मिलना भगवान से मुलाकात करने के बराबर है। ये बात झारखंड के एक्साइज कांस्टेबल भर्ती के फिजिकल टेस्ट पर काफी सटीक बैठती है। सरकारी नौकरी चाहत में दौड़ रहे अभ्यर्थियों में 11 लोगों की मौत हो गई। पुलिस ने सभी अभ्यर्थियों की मौत को अप्राकृतिक बताया है।
पुलिस द्वारा इस मामले को दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। वहीं भारतीय जनता पार्टी के यूथ विंग ने इस मामले को पूरी तरह से अधिकारियों की गलती बताई है। उन्होंने कुप्रबंधन का आरोप लगाया है।
IG ने दी सफाई
झांरखंड के रांची, गिरिहीड, हजारीबाग, पलामू, पूर्वी सिंहभूम और साहेबगंज जिलों के सात केंद्रों पर 22 अगस्त से फिजिकल टेस्ट शुरु हुए थे। जिसके दौरान 11 उम्मीदवारों की मौत हो गई। IG ऑपरेशन अमोल वी होमकर ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि गिरिडीह के 2 और हजारीबाग में दो, पलामू में 4 अभ्यार्थियों की मौत हुई है। वहीं पूर्वी सिंहभूम, साहेबगंज और रांची में बी क्रमश: एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई। उन्होंने बताया कि सभी घटनाओं पर मामला दर्ज कर लिया गया है, वहीं जाच भी जारी है।
BJP का आरोप
बीजेपी यूथ विंग ने आरोप लगाया है कि टेस्ट केंद्रों पर दवाएं, एम्बुलेंस, मोबाइल शौचालय, पानी और डॉक्टर भी उपलब्ध नहीं थे। हालांकि अधिकारियों की तरफ से इस आरोप को पूरी तरह से खारिज कर दिया गया है। झारखंड बीजेपी के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने भी राज्य सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा अभ्यर्थियों की दौड़ के लिए कोई प्रबंध नहीं किए गए थे।
हेमंत सोरेन नौकरी नहीं मौत दे रहें
उन्होंने कहा कि दौड़ परीक्षा लेने से 3 महीने पहले अभ्यार्थियों को सूचित किया जाना चाहिए, ताकि उन्हें दौड़ की प्रैक्टिस करने का मौका मिले। लेकिन यहां 15 दिन पहले एडमिट कार्ड जारी कर दिए गए। उन्होंने बताया कि अभ्यार्थियों की शिकायत है कि एक सेंटर पर लगभग 6 हजार लोगों को दौड़ाया जाता है।घंटों तक लाइन लगने पड़ते हैं। रात 12 बजे से लाइन लगने के बाद सुबह 12 बजे तक बारी आती है। राज्य सरकार पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन बच्चों को नौकरी नहीं मौत दे रहे हैं।