हिमाचल में ₹1500 मासिक पेंशन के लिए 7 लाख महिलाओं को करना पड़ेगा लंबा इंतजार, सरकार ने योजना में जोड़ी नई शर्त

शिमला। हिमाचल में इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना को लेकर महिलाओं के लिए अच्छी खबर नहीं है। प्रदेश में 7 लाख से अधिक महिलाओं को 1500 रुपए मासिक पेंशन लेने के लिए अब लंबा इंतजार करना होगा। हिमाचल की सुक्खू सरकार ने पेंशन का लाभ लेने को तहसील कल्याण अधिकारी के पास जमा हुए आवेदनों को लेकर नई शर्त जोड़ दी है। जिससे महिलाओं को 1500 रुपए मासिक पेंशन देने में अब और अधिक देरी हो सकती है। ये इसलिए की प्रदेश भर में तहसील कल्याण अधिकारी के कार्यालय में पिछले कई महीने पहले जमा हुए फार्म की अब ग्राम पंचायतों में वेरिफिकेशन होगी. जिसके लिए अब 1500 रुपए की पेंशन लेने के लिए तहसील स्तर पर जमा हुए आवेदनों को पंचायतों में होने वाली ग्राम सभा की बैठकों में वेरिफिकेशन के लिए वापस भेजा जाएगा। जिसकी तहसील कल्याण अधिकारी के कार्यालय में इन दिनों सूची तैयार की जा रही है। ऐसे में इस प्रक्रिया को पूरे होने में कई महीने का समय लग सकता है।

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इतनी लाख महिलाओं को पेंशन का इंतजार
हिमाचल में कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में 18 से 59 आयु वर्ग की हर महिला को सत्ता में आने पर 1500 रुपये मासिक पेंशन देने का वादा किया था, लेकिन सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में कांग्रेस के सत्ता संभालने के करीब 15 महीने बाद प्रदेश भर में महिलाओं को शर्तों के साथ इस साल 13 मार्च को 1500 रुपए देने की अधिसूचना जारी की थी। जिसके बाद देश में 16 मार्च को लोकसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान हो गया. इसी के साथ हिमाचल में 6 विधानसभा सीटों पर भी उपचुनाव की घोषणा हो गई. ऐसे में 13 से 16 मार्च के बीच आवेदन जमा करने वाली 28,249 महिलाओं को तो अप्रैल से जून माह तक की 4500 पेंशन खाते में आ गई है. इसी तरह से 2,384 आवेदन पात्रता पूरी नहीं होने की वजह से रद्द किए गए हैं. सरकार की तरफ से विधानसभा में रखे गए आंकड़ों के मुताबिक 31 अगस्त तक 1500 रुपए की मासिक पेंशन के लिए कुल 7,88,784 महिलाओं ने आवेदन किए हैं. इसके मुताबिक अभी तक 7,58,151 महिलाओं को पेंशन का इंतजार है। जिसमें सरकार ने पंचायतों में ग्राम सभा की बैठकों में फॉर्म की वेरिफिकेशन किए जाने की नई शर्त जोड़ दी है।

ये हैं पेंशन की पात्रता के नियम
हिमाचल प्रदेश में 18-59 वर्ष (60 वर्ष की उम्र पूरी होने तक) आयु वर्ग की महिलाएं जो हिमाचल की स्थाई निवासी हो। जिनके परिवार से कोई व्यक्ति केन्द्र/राज्य सरकार के कर्मचारी/पेंशनर, अनुबंध/आउटसोर्स/दैनिक वेतन भोगी/अंशकालिक इत्यादि वर्ग के कर्मचारी, सेवारत/भूतपूर्व सैनिक व सैनिक विधवाएं, मानदेय प्राप्त आंगनवाडी कार्यकर्ता/सहायिका/आशा वर्कर/मिड डे मील वर्कर/मल्टी टास्क वर्कर, सामाजिक सुरक्षा पेंशन लाभार्थी, पंचायत राज संस्थाओं या शहरी स्थानीय निकायों के कर्मचारी केन्द्र/राज्य सरकार के तहत विभिन्न सार्वजनिक उपक्रम/बोर्ड/काउंसिल/एजेंसी में कार्यरत/पेंशनभोगी, वस्तु एवं सेवाकर के लिए रजिस्टर व्यक्ति आयकरदाता इत्यादि न हो। ऐसे परिवारों से ही एक महिला 1500 रुपये मासिक पेंशन का लाभ पाने के लिए पात्र होगी।

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परिवार की एक ही महिला को मिलेंगे 1500 रुपए
हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव के वक्त कांग्रेस ने परिवार की हर महिला को 1500 रुपये मासिक पेंशन देने का वादा किया था, लेकिन सत्ता में आने के बाद प्रदेश सरकार ने इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना के तहत हर महीने 1500 रुपए देने की योजना को लेकर एक नई शर्त जोड़ी गई है। जिस पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग मंत्री डॉ. धनीराम शांडिल ने विधानसभा सदन में कहा था, “योजना में कंडीशन है कि एक परिवार में एक सदस्य को पेंशन मिलेगी”. यानी अब सरकार ने परिवार से सिर्फ एक पात्र महिला को 1500 रुपए मासिक पेंशन दिए जाने की एक और नई शर्त जोड़ दी है।

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