वाह जी वाह ! रंगीन चावलों के बाद सितारगंज के अब अनिलदीप सिंह ने मेहनत के दम पर उगाई लाल अंजीर

नारायण सिंह रावत
सितारगंज।
एक छोटे से गांव में रहने वाले अनिलदीप महल ने लाल, काले, बैंगनी, पीले, नीले चावल उगाकर कृषि क्षेत्र में नई क्रांति ला दी। इतना ही नहीं अब अनिलदीप ने मेहनत के दम पर कई फलों व सब्जियों को भी जैविक खेती के द्वारा उनके वास्तविक रंग रूप से अलग उपजा कर दिखा दिया है।

बिजटी निवासी अनिलदीप ने बताया जैविक खेती कृषि की वह विधि है जो बिना उर्वरकों एवं कीटनाशकों के प्रयोग या न्यूनतम प्रयोग पर आधारित है। इसी विधि व कड़ी मशक्कत से अनिलदीप ने लाल अंजीर की पैदावार की है।


अनिलदीप का कहना है उन्होंने ये अंजीर इसलिए उगाई क्योंकि अंजीर में पोटेशियम, मिनरल, कैल्शियम और विटामिन के गुण भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, जो शरीर को कई लाभ पहुंचाने का काम करते हैं। अंजीर को पेट संबंधी समस्याओं में बहुत फायदेमंद माना जाता है। अंजीर के सेवन से कब्ज और गैस की समस्याओं में राहत मिल सकती है।अंजीर को ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने के लिए फायदेमंद माना जाता है। अंजीर में कैल्शियम बहुत होता है, जो हड्डियों को मजबूत करने में सहायक होता है। अंजीर में पोटैशियम ज्यादा होता है और सोडियम कम होता है इसलिए यह उच्चरक्तचाप की समस्या से भी बचाता है। अंजीर के सेवन करने से मधुमेह, सर्दी-जुकाम, दमा और अपच जैसी तमाम व्याधियों में भी लाभ देखा गया है।

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इसलिए जैविक कृषि द्वारा उगाई गयी इस लाल अंजीर चखना सितारगंज के ग्राम बिजटि पटिया स्थित बगिया में देखे जा सकते हैं। । जहाँ अनिलदीप की कई वर्षों की कड़ी मेहनत द्वारा विभिन्न प्रजाति के फल फूल सब्जी आदि को नए रूपों व रंगों में देखकर आप अपनी आंखों पर विश्वास ही नहीं कर पाएंगे।

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