कर्मचारी कहिन #बागेश्वर: कोरोना में कुमाऊं—गढ़वाल मंडल विकास निगमों को हुए नुकसान की भरपाई करे सरकार : गुरूरानी

बागेश्वर। कुमाऊं—गढ़वाल मंडल विकास निगम के संयुक्त कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष दिनेश गुरुरानी ने कहा ​है कि कोरोना की वजह से दोनों निगमों के कई कर्मचारी असमय काल के गाल में समा गए। लेकिन अभी तक सरकार की ओर से उनके परिजनों को कोई मुआवजा नहीं मिल सका है। जबकि निगम के कर्मचारियों ने कोरोना काल में रसोई गैस के वितरण से लेकर क्वारेंटाइन सेंटर बना दिए गए निगम के विश्राम गृहों में भी कोरोना मरीजों की देखरेख भी की। वे कोरोना योद्धा की तरह मोर्चे पर डटे रहे लेकिन सरकार की अनदेखी पर अब उन्हें दुख हो रहा है।

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गुरूरानी यहां कुमाऊं मंडल विकास निगम के कर्मचारियों ने टीआरसी में हुई बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कुमाऊं और गढ़वाल मंडल विकास निगम की स्थापना पर्यटन को बढ़ाने और स्थानीय युवाओं को रोजगार देने के लिए किया गया था। जिसका लाभ भी मिला और होटल आदि राज्य में बने। उन्होंने कहा कि कोरोनाकाल में निगम के पर्यटक आवास गृहों को क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया। रसोई गैस वितरण आदि भी कर्मचारियों ने बिना भय के किया। उन्होंने कहा कि कोविडकाल में कई कर्मचारी साथी हमसे बिछड़ भी गए, दुख की बात है कि सरकार की ओर से उनके परिजनों को अभी तक कोई मुआवजा हनीं मिला।

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उन्होंने दैनिक, संविदा पर तैनात कर्मचारियों को नियमित करने की मांग भी उठाई। इसके अलावा कर्मचारियों का सामूहिक बीमा करने और वेतन विसंगतियां दूर करने की मांग भी उन्होंने उठाई। गुरूरानी ने कहा कि कोविडकाल में निगम को जो नुकसान हुआ है उससे उबरने के लिए सरकार को 50-50 करोड़ रुपये की धनराशि प्रदान करनी होगी।

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वेतन, देयक और सेवानिवृत्त कर्मचारियों के देयकों का भुगतान करना होगा। उन्होंने कुमाऊं-गढ़वाल मंडल निगमों का एकीकरण करने और उत्तराखंड पर्यटन परिषद में समायोजित करने की मांग भी की। इसके अलावा एफएल-टू, रेता, खनन और पर्यटन से संबंधित निर्माण कार्य भी निगम को देने की मांग की। नियमित कर्मचारियों को पुरानी सेवा का लाभ देने, प्रमोशन, चतुर्थ से तृतीय श्रेणी का कोटा भरने, आयुष्मान योजना का लाभ आदि देने की मांग भी बैठक में उठाई गई।

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