छात्रवृत्ति घोटाला #उत्तराखंड: करोड़ों रूपयों की धोखाधड़ी के आरोपी जनजाति कल्याण विभाग के निलंबित उप निदेशक अनुराग शंखधर गिरफ्तार

देहरादून। उत्तराखंड के बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले की जांच कर रही एसआईटी ने देहरादून, उधमसिंह नगर और हरिद्वार के समाज कल्याण अधिकारी रहे और वर्तमान में जनजाति कल्याण विभाग के उप परियोजना निदेशक अनुराग शंखधर को गिरफ्तार कर लिया है। अनुराग को पहले ही उप परियोजना निदेशक पद से निलंबित कर दिया गया था। उनकी गिरफ्तारी दिल्ली से हुई है।


अनुराग शंखधर की छात्रवृत्ति घोटाले में हरिद्वार में पंजीकृत 11 और देहरादून में पंजीकृत चार मामलों में संलिप्तता पाई गई है। इसके अलावा उधम सिंह नगर जिले के समाज कल्याण अधिकारी रहने के दौरान उन पर छात्रवृत्ति घोटाले के 44 मामलों में भी तलाश थी। अनुराग शंखधर द्वारा जनपद हरिद्वार और देहरादून में अपने कार्यकाल के दौरान स्ववित्तपोषित शैक्षणिक संस्थानों के स्वामी और संचालकों से मिलकर अनुसूचित जाति और जनजाति के विद्यार्थियों के साथ धोखाधड़ी करके उनके कागजात जमा करवा कर करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी का आरोप है।

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आरोप के मुताबिक उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए छात्रवृत्ति की धनराशि सीधे संबंधित शैक्षणिक संस्थान के स्वामी और संचालकों के बैंक खातों में प्रेषित करवा दी, जबकि नियमानुसार यह छात्रवृत्ति छात्रों के बैंक खातों में दिए जाने का प्रावधान है। कुछ प्रकरणों में शैक्षणिक संस्थान की मान्यता फर्जी भी पाई गई है, ऐसे संस्थानों द्वारा दर्शाए गए छात्रों के फर्जी प्रवेश के मांग पत्र पर भी छात्रवृत्ति सीधे संस्थान के बैंक खातों में प्रेषित कर दी गई।

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कुछ प्रकरणों में यह भी देखा गया कि संस्थान द्वारा दर्शाए गए फर्जी छात्रों की छात्रवृत्ति मांग पत्र की जांच कराए बिना ही संस्थान को भुगतान कर दिया गया। एसआईटी का कहना है कि अनुराग सदर को अपना पक्ष प्रस्तुत करने के लिए कई बार नोटिस भेजा गया लेकिन वह इसके लिए एसआईटी के समक्ष पेश नहीं हुए और अपनी अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए लगातार प्रयासरत रहे। एसआईटी ने अनुराग शंखधर की गिरफ्तारी के लिए विशेष टीम का गठन किया था।

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जिस ने आज सुबह नई दिल्ली से उन्हें गिरफ्तार कर लिया। पुलिस की टीम में एसआईटी के विवेचक इंस्पेक्टर मुकेश सिंह चौहान, एसआई प्रदीप राठौर, सिपाही आशीष अधिकारी,और नजाकत अली शामिल थे।

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