हूबहू…#हल्द्वानी : मुझे कर्म भूमि से मुक्त करें, जन्मभूमि की सेवा कर पाऊं: हरदा
हल्द्वानी। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पंजाब को लेकर जो अपने फुसबुक वॉल पर लिखा, उससे हूबहू हम अपने पाठकों ने तक पहुंचा रहे हैं।
मैं आज एक बड़ी उहापोह से उबर पाया हूंँ। एक तरफ #जन्मभूमि के लिए मेरा कर्तव्य है और दूसरी तरफ कर्म भूमि पंजाब के लिए मेरी सेवाएं हैं, स्थितियां जटिलत्तर होती जा रही हैं।
क्योंकि ज्यों—ज्यों चुनाव आएंगे, दोनों जगह व्यक्ति को पूर्ण समय देना पड़ेगा। कल उत्तराखंड में बेमौसम बारिश ने जो कहर ढाया है, मैं कुछ स्थानों पर जा पाया लेकिन, आंसू पोछने मैं सब जगह जाना चाहता था। मगर कर्तव्य पुकार, मुझसे कुछ और अपेक्षाएं लेकर के खड़ी हुई। मैं जन्मभूमि के साथ न्याय करूं तभी कर्मभूमि के साथ भी न्याय कर पाऊंगा।
मैं, #पंजाब_कांग्रेस और पंजाब के लोगों का बहुत आभारी हूंँ कि उन्होंने मुझे निरंतर आशीर्वाद और नैतिक समर्थन दिया। संतों, गुरुओं की भूमि, नानक देव जी व गुरु गोविंद सिंह जी की भूमि से मेरा गहरा भावात्मक लगाव है।
मैंने निश्चय किया है कि, लीडरशिप से प्रार्थना करूं कि अगले कुछ महीने मैं #उत्तराखंड को पूर्ण रूप से समर्पित रह सकूं। इसलिए #पंजाब में जो मेरा वर्तमान दायित्व है, उस दायित्व से मुझे अवमुक्त कर दिया जाय।
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