जय हिंद…#हल्द्वानी : भारतीय सेना को सेल्यूट, खैरना में फंसे 500 लोगों को खाना खिलाकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया

हल्द्वानी। नैनीताल जिले में जन्मोजमांतर के लिए कुदरत के कहर ने दारुण गाथा लिख दी। कई जगह सड़कों का नामोनिशान मिट गया।

कई जगह पहाड़ी से गिरे मलबे रोड दब गए। सड़क नदी में समा गई। लोग जहां के तहां फंस गए। कई जगह मकान ध्वस्त हो गए।

स्थानीय प्रशासन, पुलिस, एसडीआरएफ को बचाव कार्य में लगाया गया, जिला प्रशासन, नैनीताल ने फंसे हुए नागरिकों को बचाने के लिए तुरंत सैन्य सहायता का अनुरोध किया।

गरमपानी-खैरना-कैची इलाके के पास स्थिति बहुत गंभीर थी। नदी के अत्यधिक प्रवाह के कारण इमारतें खतरे में थीं।


जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने गत दिवस मंगलवार को 14 डोगरा रजीमेन्ट रानीखेत को खैरना, कैची, निगलाट व रामगढ़ क्षेत्र में राहत बचाव कार्य के लिए वार्ता की।

मेजर नरेन्द्र व मेजर कोयाक के नेतृत्व में बटालियन की ओर से तुरंत 100 जवानों की दो रेस्क्यू टीमों को प्रभावित इलाकों में जाने के आदेश दिए गए हैं। रानीखेत से सुबह 11 बजे 100 जवानों की रेस्क्यू टीम रवाना हुई, रास्ते में सड़क जाम होने की वजह से देरी से बचाव दल दोपहर करीब तीन बजे प्रभावित स्थल पर पहुंचा, आगमन पर सेना ने स्थानीय अधिकारियों से स्थिति की जानकारी ली। बिना किसी देरी के भारतीय सेना के जवानों ने खैरना में फंसे लगभग 500 लोगों को पैक किया हुआ भोजन और खाने का सामान व पानी वितरित किया।

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बटालियन की मेडिकल रिएक्शन टीम के प्रशिक्षित व्यक्तियों द्वारा चिकित्सा जांच कर चिकित्सा इकाई स्थापित कर लोगों का उपचार किया गया। घिंगरीखाल बटालियन के बचाव दल की तीन उप टीमों का गठन किया गया, जिन्होंने बचाव और राहत अभियान चलाया और गरमपानी और खैरना में फंसे लोगों की मदद की।

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खैरना से कैची धाम मार्ग बचाव और राहत कार्यों में बाधा डालने वाला प्रमुख चोक प्वाइंट था। भारतीय सेना के जवानों ने बचाव उपकरण और फंसे हुए लोगों के लिए भोजन,पानी जैसे राहत सामग्री के साथ खैरना से कैची धाम की दूरी पैदल तय कर निस्वार्थ सेवा की मिसाल पेश की।

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सभी फंसे हुए लोगों के लिए भोजन तैयार करने के लिए खैरना में एक कुक हाउस भी स्थापित किया गया था। सेना के पहुंचने और त्वरित बचाव कार्य कर फंसे हुए लोगों को निकाला गया। कभी हमारे जवान सीमा पर तो कभी आपदा आने पर लोगों की हिफाजत करने में जो भूमिका निभाते हैं, उनकी सेवा और जज्बे का कोई मोल और तोल नहीं है। ऐसे जबांजों को हजारों सलाम।

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