उत्तराखंड…कांग्रेस : अंतिम सूची नहीं कांग्रेस आलाकमान को कलही विस्फोटक से भरा लिफाफा सौंप आई है स्क्रीनिंग कमेटी, चिंगारी छुआते ही उत्तराखंड में होगा धमाका
हल्द्वानी। उत्तराखंड में कांग्रेस टिकटों के ऐलान के मामले में सबसे पीछे दिखाई पड़ रही है। प्रदेश में नामांकनपत्र दाखिल करने का पहला दिन गुजर गया है और अभी तक कांग्रेस ने एक भी उम्मीदवार को मैदान में नहीं उतारा है। उल्टे कांग्रेस के तमाम बड़े नेता दिल्ली में डेरा डाले बैठे हैं। उनके पीछे —पीछे दावेदारों की फौज भी दिल्ली में ही अलग अलग होटलों में डेरा डाले बैठी है। सवाल यह है कि कांग्रेस एक एक दिन करके अपने प्रत्याशियों के ऐलान को टाले क्यों जा रही है। जबकि दूसरी पार्टियों के प्रत्याशी फील्ड में रहकर चुनाव प्रचार में लग गए हैं।
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प्रत्याशियों के ऐलान में इतनी देर क्यों हो रही है। इसका जवाब किसी के पास नहीं है। लेकिन कांग्रेस की रणनीति को नजदीक से समझने वाले लोगों का मानना है कि इस बार कांग्रेस के सामने कई सीटों पर धर्म संकट की स्थिति इस देरी के लिए सबसे ज्यादा है।
स्क्रीनिंग कमेटी की कई चरणों की बैठक के बाद कुछ सीटों को छोड़कर किसी पर भी आम सहमति नहीं बनी। इसीलिए पार्टी आलाकमान के सामने एक नहीं दो या तीन नामों का पैनल हर सीट से भेजा गया है। अब यह आलाकमान को तय करना है कि किसे टिकट दे। उत्तराखंड कांग्रेस इस मामले में कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष को अंतिम फैसला लेने का अधिकार दे चुकी है।
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दरअसल कांग्रेस के प्रदेश स्तरीय नेताओं के बीच की खाई इस तरह गहरी हो गई है कि लगभग हर सीट पर दोनों गुटों ने अपने अपने स्थानीय नेताओं से दावेदारी कर वाई है। यह संख्या कई जगहों पर आठ दस से भी ज्यादा हो गयी है। कल देर रात तक माथापच्ची करने के बाद स्क्रीनिंग कमेटी ने हाईकमान को अंतिम प्रत्याशियों लिस्ट नहीं बल्कि एक ऐसा बम सौंप दिया है जिसे चिंगारी छुआने का काम हाईकमान को सौंप दिया गया है। अब यह बम जब भी फटेगा तो देखिएगा प्रदेश में कांग्रेस में कैसा धमाका होगा।
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आधिकारिक सूची जारी करने के बाद भाजपा तो अंदरूनी कलह से जूझ ही रही है किसी भी समय टिकटों का ऐलान करके कांग्रेस को भी नए तूफान को झेलने के लिए तैयार रहना होगा।
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