नालागढ़…प्रदूषण:ग्रामीणों ने कचरा प्लांट पर लगाए बारिश की आड़ में केमिकल युक्त जहरीला पानी नाले में छोड़ने के आरोप, की वीडियो वायरल,सीईओ व मैनेजर ने आरोपों को सिरे से नकारा

नालागढ़। प्रदेश के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र नालागढ़ के तहत माजरा पंचायत में एक सॉलिड वेस्ट कचरा प्लांट लगाया गया है लेकिन यह कचरा प्लांट आए दिन अपनी कमियों के चलते चर्चाओ में रहता है आपको बता दें कि माजरा पंचायत के लोगों द्वारा एक बार फिर इस कचरा प्लांट पर सवाल उठाए हैं और कचरा प्लांट पर नालों में बारिश की आड़ में फैक्ट्रियों से लाए जा रहे केमिकल युक्त जहरीले पानी को खुलेआम नालों में छोड़ने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं।

साथ ही ग्रामीणों द्वारा नाले में एकत्रित हुए काले पानी की वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर भी वायरल की कर दी गई है वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि किस तरह एक नाले के पानी ने काले पानी का रूप धारण कर रखा है यहां सबसे बड़ा सवाल यही उठता है कि इस कचरा प्लांट के आसपास कोई भी उद्योग नहीं है जिससे यह शक किया जा सके कि इस नाले में किसी अन्य उद्योग द्वारा जहरीला पानी छोड़ा जाता हो।

इस बारे में मीडिया से बातचीत करते हुए स्थानीय ग्रामीण देवराज, गुरदयाल सिंह ने बताया कि कचरा प्लांट द्वारा बारिश की आड़ में एक बार फिर केमिकल युक्त जहरीला पानी नाले में छोड़ा गया है जिसके कारण लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है गांव से गुजरने वाले नाले ने काले नाले का रूप धारण कर रखा है और इस केमिकल युक्त जहरीले पानी के कारण गांव के प्राकृतिक स्रोतों का पानी भी खराब हो चुका है और जिसके कारण पूरे गांव वासियों में बीमारी फैलने का भी खतरा बना हुआ है ग्रामीणों ने सरकार व प्रशासन से भी इस कचरा प्लांट के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग उठाई है।

ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा है कि इससे पहले भी उन्होंने पोलूशन कंट्रोल बोर्ड बद्दी,सीएम जयराम ठाकुर,उद्योग मंत्री विक्रम सिंह ठाकुर को शिकायतें की लेकिन ना तो इस पर प्रशासनिक अधिकारियों की ओर से कोई कार्यवाही की गई और ना ही सरकार ने कोई ध्यान दिया है।

ग्रामीणों का कहना है कि अब आलम यह हो चुका है कि क्षेत्र के प्राकृतिक स्रोतों का पानी जहरीला हो चुका है और आए दिन गांव में बीमारी फैलती जा रही है ग्रामीणों का कहना है कि इससे पहले दुधारू पशुओं की मौत हो चुकी है और कई लोगों की भी गंभीर बीमारियों के कारण मौत हो चुकी है ग्रामीणों ने सरकार को चेतावनी देकर कहा है कि अगर जल्द ही इस कचरा प्लांट के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो वह आने वाले दिनों में धरना प्रदर्शन करने को भी मजबूर होंगे जिसकी जिम्मेवारी प्रदेश सरकार व स्थानीय प्रशासन की होगी।

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इस बारे में जब हमने सॉलि़ड वेस्ट मैनेजमेंट के सीईओ अशोक शर्मा से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि उनके प्लांट की ओर से किसी भी प्रकार का केमिकल युक्त जहरीला पानी प्लांट से बाहर नहीं छोड़ा जाता है और जो भी कचरा यहां आता है उसे यहीं पर ट्वीट करके खत्म किया जाता है।

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जब हमने उनसे पूछा कि आपके प्लांट में दो टैंकर भरकर आए हैं और उसमें क्या कोई लिक्युड आया है तो उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि इस प्लांट में केवल सॉलिड वेस्ट ही कचरा आता है और उसे ट्रीट किया जाता है उन्होंने कहा कि इस कचरा प्लांट में किसी भी प्रकार का लिक्युड कचरा नहीं आता है। दो टैंकरों वाले सवाल पर उन्होंने यह कहकर पल्ला झाड़ दिया कि वह कहीं बाहर हैं। उन्हें इस बारे में कोई पता नहीं है।

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इस बारे में जब हमने सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के मैनेजर सुदर्शन से बात की तो उन्होंने कहा कि उनके प्लांट की ओर से किसी भी प्रकार का केमिकल युक्त जहरीला पानी फैक्ट्री से बाहर नहीं छोड़ा जाता है और उन्हें नहीं पता यह नालों में खड़ा पानी कहां से आया है।

इस बारे में जब हमने प्रदेश के उद्योग मंत्री विक्रम सिंह ठाकुर से बातचीत करने की कोशिश की तो उन्होंने कई बार फोन करने के बाद भी फोन नहीं उठाया और अंत में जब हम कॉल कर रहे थे तो उन्होंने फोन काट दिया।

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