नालागढ़…अंधेरगर्दी:आखिर कहां सोया कुम्भकर्णीय नींद में प्रशासन व आईपीएच विभाग ?,1 सप्ताह बाद भी नहीं शुरू हुआ राजकुहल की सफाई का कार्य,लोगों में रोष

नालागढ़ (गुरदयाल दयाली )।नालागढ़ के तहत किशनपुरा से लेकर नालागढ़ के दर्जनों गांवों से गुजर कर वर्षों पहले राजकुहल का निर्माण करवाया गया था जिससे लोगों के खेतों की सिंचाई की जाती थी लेकिन अब यह राजकुहल एक गंदे नाले के रूप में ही तब्दील होकर रह गई है।

क्योंकि जैसे-जैस क्षेत्र में ओद्योगिकरण हुआ तो उसके बाद उद्योगों व लोगों द्वारा केमिकल युक्त जहरीला पानी और सीवरेज का पानी इस राजकुहल में खुलेआम छोड़ा जा रहा है जिसके चलते अब यह राजकुहल एक गंदे नाले के रूप में ही बनकर रह गई है।

हालांकि 1 सप्ताह पहले ग्रामीणों एकत्रित होकर जग सेवा ऑर्गेनाइजेशन के बैनर तले एसडीएम के माध्यम से सीएम जयराम ठाकुर को ज्ञापन भेजा था लेकिन 1 सप्ताह बीत जाने के बाद भी आज तक इस राजकुहल की सफाई का कार्य शुरू नहीं किया गया है।

जिसके चलते रविवार को भी दर्जनों लोगों ने सड़क पर एकत्रित होकर सरकार व आईपीएच विभाग और प्रशासन के खिलाफ रोष प्रदर्शन कर अपना गुस्सा जाहिर किया गया है।

ग्रामीणों ने अब एसडीएम नालागढ़ और आईपीएच विभाग के उच्च अधिकारियों को चेतावनी देकर कहा है कि अगर जल्द ही इस राजकुहल की सफाई का कार्य शुरू नहीं करवाया गया तो व एसडीएम कार्यालय के बाहर भूख हड़ताल करने को मजबूर होंगे जिसकी जिम्मेवारी सरकार व प्रशासन की होगी।

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यहाँ सबसे बड़ा सवाल स्थानीय प्रशासन और आईपीएच विभाग के उच्च अधिकारियों पर उठ रहा है कि सिंचाई के माध्यम से राजकुहल का निर्माण करवाया गया था उसमें सीवरेज और फैक्ट्रियों द्वारा केमिकल युक्त जहरीला पानी क्यों छोड़ा जा रहा है आखिर क्यों एक राज कुहल गंदे नाले के रूप में तब्दील हो रही है और यह केमिकल युक्त जहरीला पानी 1 दिन से नहीं बल्कि 15 -20 वर्षो से इसी तरह से राजकुहल में बहता आ रहा है क्यों पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के अधिकारी स्थानीय प्रशासन और आईपीएच विभाग के अधिकारी मूकदर्शक बनकर तमाशा देख रहे हैं क्यों संबंधित फैक्ट्रियों व लोगों पर कार्रवाई नहीं की जाती।

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जानकार सूत्रों की माने तो प्रशासनिक अधिकारियों और फैक्ट्रियों के मालिकों के बीच मिलीभगत होगी जिसके कारण उनके ऊपर कार्यवाही नहीं की जाती। और फैक्टरी मालिकों द्वारा तमाम सभी सरकारी आदेशों को ठेंगा दिखाकर खुलेआम किसानों के खेतों को पानी देने वाली राजकुहल में केमिकल युक्त जहरीला पानी छोड़ा जा रहा है।

और अब यह जहरीले पानी के कारण लोग बीमारियों की चपेट में आने लगे हैं जिस जिस गांव से यह राजकुहल गुजरती है उस उस गांव में ऐसा कोई घर नहीं है जहां पर आज की तारीख में कोई व्यक्ति बीमार ना हो। यह हमारे जानकार सूत्र बता रहें हैँ।

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आपको बता दें कि स्वच्छता अभियान पर भी सरकार द्वारा अरबों करोड़ों रुपया खर्चा किया जा रहा है लेकिन खर्च कहां किया जा रहा है यह भी लोगों की समझ से परे है। क्योंकि जहां पर जरूरत है वहां पर तो खर्च किए ही नहीं जा रहे और मात्र स्वच्छता अभियान के नाम पर दिखावे सरकार द्वारा किए जा रहे हैं।

देखना होगा कि कब सरकार और प्रशासनिक अधिकारी इस राजकुहल की सफाई करवाते हैं और कब लोगों को आ रही समस्या से निजात मिलती है।

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