नालागढ़…अनदेखी:किरपालपुर में 3 दिन से घायल अवस्था में गाय तड़प-तड़प कर मरने को मजबूर, नहीं ली किसी ने भी सुध

नालागढ। प्रदेश सरकार सड़कों व गलियों और खुले में घूम रहे हैं आवारा पशुओं पर नकेल कसने व उन्हें पकड़कर गौ सदनों व काऊ सेंचुरी में भेजने के बड़े-बड़े दावे तो कर रही है लेकिन इन दावों की पोल प्रदेश के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र नालागढ़ में खुल रही है क्योंकि करीबन 5 करोड़ की लागत से यहां पर सीएम जयराम ठाकुर द्वारा एक बड़ी काऊ सेंचुरी का उद्घाटन किया गया था लेकिन उसके बावजूद अब भी आवारा पशु सड़कों पर या इसके इर्द-गिर्द घूम रहे हैं ।

ताजा मामला किरपालपुर का है जहां पर एक गाय पिछले 3 दिन से घायल अवस्था में घूम रही है और इलाज के लिए इधर उधर भटक रही है हालांकि ग्रामीणों द्वारा गौ रक्षकों व अन्य को बार-बार घायल गाय के इलाज के लिए शिकायतें की लेकिन किसी ने भी गाय की सुध नहीं ली है और गाय तड़प तड़प कर मरने को मजबूर है ।

आपको बता दें कि हर बार चुनावों में गौ माता के नाम पर राजनीति की जाती है और चुनाव खत्म होते ही गौमाता का मुद्दा भी खत्म हो जाता है हालांकि सरकार दावे बहुत बड़े-बड़े कर रही है कि गौ सदन बनाए गए हैं और काऊ सेंचुरी भी करोड़ों रुपए की लागत से बनाई गई लेकिन उसके बावजूद गौ माता सड़कों पर तड़प तड़प मरने को मजबूर है ना तो सरकार की ओर से कोई ध्यान दिया जा रहा है और ना ही इसकी और किसी प्रशासनिक अधिकारी का ध्यान है आलम यह है कि किरपालपुर में गाय पिछले 3 दिनों से घायल अवस्था में तड़प रही है और उसकी सुध लेने के लिए कोई भी आगे नहीं आया है।

इस बारे में जब हमने किसान पिकअप यूनियन के प्रधान मदन लाल ठाकुर से बातचीत की तो उनका कहना है कि पिछले 3 दिन से वह गौ रक्षकों को इस बारे में शिकायतें कर रहे हैं लेकिन किसी ने भी आकर गाय की सुध नहीं ली है और आलम यह है कि अब गाय घायल अवस्था में घूम रही है और तड़प रही है उन्होंने सरकार व प्रशासन के अधिकारियों और वेटरनरी अस्पताल के डॉक्टरों और गौ रक्षकों से मांग की है कि जल्द से जल्द इस गाय की देखभाल की जाए और इसे या तो किसी गो सदन में छोड़ा जाए या फिर वेटरनरी अस्पताल से डॉक्टर की टीम आकर यहां पर इसका इलाज कर सकें.

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उनका कहना है कि पूरे बीबीएन की बात की जाए तो करोड़ों रुपए की लागत से बनी काऊ सेंचुरी वह हर पंचायत में गौ सदन बनाए गए हैं लेकिन किसी ने भी इस गौ माता की ओर ध्यान नहीं दिया है और पूरे बद्दी बरोटीवाला नालागढ़ में हर दुकान पर गो सेवा सदन के गोलख दिखाई देते हैं लेकिन यह करोड़ों रुपया कहां खर्च किया जा रहा है उन्होंने कहा है कि गौ माता के नाम पर एकत्रित किए जाए रहे पैसे को सही जगह इस्तेमाल किया जाना चाहिए ताकि सड़कों पर घूम रहे बेसहारा पशुओं की मदद की जा सके।

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आपको बता दें कि यहां सबसे बड़ा सवाल सरकार व प्रशासनिक अधिकारियों पर उठता है क्योंकि सरकार ने करोड़ों रुपए की लागत से काउ सेंचुरी बनाई और क्षेत्र में बहुत सारी गौशालाएं भी बनाई गई है लेकिन उसके बावजूद भी आवारा पशु सड़कों पर घूम रहे हैं जिसके चलते वह घायल होकर तड़प तड़प कर मरने को मजबूर है।

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अब देखना यही होगा कि कब प्रशासनिक अधिकारी व सरकार के चुने हुए नुमाइंदे जागते हैं और कब ऐसी ही सड़कों पर घायल अवस्था में पड़ी गौ माताओं की देखभाल के लिए आगे आते हैं। और कब इन तड़प तड़प कर मरने वाले बेसहारा पशुओं का इलाज हो पता है।

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