सितारगंज …सिडकुल की कम्पनी से चोरी का खुलासा, तीन गिरफ्तार
नारायण सिंह रावत
सितारगंज। सिडकुल की एचसीपीएल कंपनी से चोरी करने के तीन आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उनके पास से चोरी की गई एलईडी
टीवी बरामद की गई। तीनों एक लेबर सप्लायर के अंडर में कंपनी में काम करते थे।
एचसीपीएल कंपनी के राघवेंद्र प्रताप सिंह ने 25 अगस्त को पुलिस को तहरीर देकर बताया था कि 22 अगस्त की रात्रि अज्ञात चोरों ने कंपनी में घुसकर स्टोर रूम का ताला तोड़कर स्टोर रूम से तीन एलईडी टीवी, कॉपर प्लेट्स आदि कीमती सामान चोरी कर ले गए। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी। एसआई चंदन सिंह बिष्ट के नेतृत्व में टीम गठित की गई। टीम मुखबिर की सूचना पर तीन व्यक्तियों को नकुलिया चौराहे पर भारत इलेक्ट्रॉनिक्स नामक दुकान से गिरफ्तार किया।
पूछताछ में तीनों व्यक्तियों ने बताया कि हम तीनों ही एचपीसीएल कम्पनी में सतवन्त कान्ट्रेक्टर के अन्डर में बिजली का काम करते हैं। कुछ दिन पहले कम्पनी में नया सामान आया था जो स्टोर में रखवाया था। हम तीनों ने देखा कि काफी एलसीडी टीवी आदि कीमती सामान आया है। इसलिये मिलकर प्लान बनाया।
शाहिद लखीमपुर खीरी से अपने किसी जानने वाले से 1-2 दिन के लिये किराये पर एक अल्टो कार मांग कर लाया और फिर 2-3 दिन पहले रात के समय हम तीनों सिडकुल में पेट्रोल पम्प पर पहुंचे जहां पर हमने अपनी गाड़ी खड़ी की और पैदल एचपीसीएल कम्पनी पहुंचे। कम्पनी की बाउण्ड्री वाल की टिन काटकर अन्दर घुसे और अन्दर घुसकर स्टोर रूम का ताला तोड़कर कम्पनी से एलईडी टीवी, कॉपर प्लेटें आदि चोरी कर सारा माल अपने कमरे में रख दिया। अभियुक्तगणों की निशानदेही पर उनके कब्जे से मुकदमे से संबंधित चोरी किया माल बरामद किया गया।
नाम पता गिरफ्तार आरोपी
1- शाहिद उर्फ सिम्मी निवासी ग्राम खीरी, तहसील लखीमपुर थाना खीरी जिला लखीमपुर खीरी
2- साजिद वार्ड नं० 11, मस्जिद वार्ड, पोस्ट व थाना मैलानी, जिला लखीमपुर खीरी
3- आकिब निवासी वार्ड नं0 7 मौहल्ला काली मन्दिर, पोस्ट व थाना मैलानी, जिला लखीमपुर खीरी, उ०प्र०
पुलिस टीम
एसआई चंदन सिंह बिष्ट, प्रभारी चौकी सिडकुल थाना सितारगंज, कांस्टेबल राजेंद्र गोस्वामी, कपिल कुमार कमल नाथ गोस्वामी
शामिल रहे।
लेबर सप्लायर पर लगा 5 हजार जुर्माना
सतवंत सिंह पुत्र गुरमेल सिंह, कांट्रेक्टर एचसीपीएल द्वारा श्रमिकों का पुलिस सत्यापन ना कराए जाने पर भविष्य के लिए कड़ी चेतावनी देते हुए 83 पुलिस एक्ट में ₹5000 का अर्थदंड वसूला गया।