पिथौरागढ़…धोखा: एयर इंडिया में नौकरी देने के नाम पर युवक से छह लाख ठग लिए देसी कबूतरबाजों ने, एक स्थानीय भी शामिल
पिथौरागढ़। एयर इंडिया में जाॅब लगवाने का झांसा देकर डीडीहाट के एक युवक को पिथौरागढ़ और दिल्ली के ठगों ने छह लाख से अधिक रूपये का चूना लगा दिया। उसकी नौकरी तो नहीं लगा अलबत्ता जिंदगी के बेशकीमती पांच साल बर्बाद हो गए। एसपी पिथौरागढ़ के निर्देश पर पुलिस ने मामला दर्ज करके छानबीन शुरू कर दी है।
एसपी पिथौरागढ़ को दी गई शिकायत में डीडीहाट के घोरपट्टा क्षेत्र के ननपापो गांव निवासी कमलेश सिंह ने बताया कि पिथौरागढ के लिंक रोड स्थित आयकर विभाग के कार्यालय के नजदीक रहने वाले महेश कुमार उर्फ आकाश ने उएसे बताया कि एयर इंडिया में नौकरी निकली है और यदि वह चाहे तो वह उसकी नौेकरी लगवा सकता है। इसके बाद आकाश ने कमलेश व उसके पिता गंगा सिंह को अपने कार्यालय में इसी पते पर बुलाया।
उसने बताया कि उसे पचास हजार रूपये प्रति माह की नौकरी लगवा सकता है लेकिन इसके लिए कुछ डोनेशन देनी होगी। अच्छी नौकरी की बात सुनकर पिता पुत्र डोनेशन देने को राजी हो गए। आकाश ने उनकी बात फोन पर दिल्ली में एयर इंडिया कमांडर युवराज से भी कराई और कमलेश को दिल्ली जाने को कहा। 18 नवंबर 2017 को कमलेश व उसके पिता ने आकाश को उसकी पत्नी के सामने दो लाख रूपये दिए। इसके के बाद कमलेश दिल्ली के लिए रवाना हो गया।
यहीं से उनकेसाथ ठगी का सिलसिला शुरू हो गया। आकाश के कहने पर कमलेश के पिता गंगा सिंह ने एयर इण्डिया के कथित आफीसर महोम्मद जावेद के खाते मे 22 नवंबर 2017 को ढाई लाख रूपये डाल दिए। 11 दिसंबर को पुनः पौने दो लाख रूपये उसके खाते में डाले गए। 18 दिसंबर को आकाश के कहने पर भरत कम्प्यूटर के नाम पौने तीन लाख रूपये डाले गए। कमलेश का कहना है कि यदि धनराशि उससे ट्रेनिंग और डोनेशन के नाम पर वसूली गई।
इसके बाद पांच साल बीत गए कमलेश का एयर इंडिया मे जाॅब करने का ख्वाब पूरा नहीं हो सका। पांच सालों में वह दिल्ली के कई चक्कर काट चुका है। वहां जावेद और युवराज नामक शख्स कभी उसे टर्मिनल बुलाते हें तो कभी कार्यालय में। अब ठग न तो उसका फोन उठा रहे हैं न ही उसके रूपये वापस कर रहे हैं।
एसपी पिथौरागढ़ के निर्देश पर कल देर रात कोतवाली में कमलेश की शिकायत के आधार पर आकाश उर्फ महेश कुमार, युवराज और जावेद के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर लिया गया। पुलिस के सामने दिक्कत यह है कि आकाश को तो स्थानीय पता उसे मालूम है लेकिन जावेद और युवराज को कोईपता उसके पास नहीं है। इसलिए पूरे मामले का मुख्य सूत्र स्थानीय देसी कबूतरबाज आकाश ही है।