आज से शुरू हो रहे श्राद्ध, पूर्णिमा और प्रतिपदा का श्राद्ध आज ही है, इस दौरान ये कार्य हैं वर्जित

हल्द्वानी। पूर्वजों व पुरखों को समर्पित पितृ पक्ष आज से प्रारंभ हो रहा है। इस दौरान पूर्वजों की आत्मा की शांति और उनकी कृपा पाने के लिए तर्पण और श्राद्ध किए जाते हैं। पंचांग के अनुसार हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से पितृ पक्ष की शुरुआत होती है जो कि आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि तक रहता है। तो आइए जानते हैं इस साल कब से प्रारंभ हो रहे हैं। इस वर्ष पूर्णिमा और प्रतिपदा का श्राद्ध शनिवार को पड़ रहा है। आइये जानते हैं कि अस दौरान कौन कौन से कार्य वर्जित हैं।
पितृ पक्ष 2022 में श्राद्ध की तिथियां
10 सितंबर 2022. प्रतिपदा (पूर्णिमाद्ध श्राद्ध)
11 सितंबर 2022. द्वितीया श्राद्ध
12 सितंबर 2022. तृतीया श्राद्ध
13 सितंबर 2022. चतुर्थ श्राद्ध
14 सितंबर 2022. पंचमी श्राद्ध
15 सितंबर 2022. षष्ठी श्राद्ध
16 सितंबर 2022. सप्तमी श्राद्ध
18 सितंबर 2022. अष्टमी श्राद्ध
19 सितंबर 2022. नवमी श्राद्ध
20 सितंबर 2022. दशमी श्राद्ध
21 सितंबर 2022. एकादशी श्राद्ध
22 सितंबर 2022. द्वादशी श्राद्ध
23 सितंबर 2022. त्रयोदशी श्राद्ध
24 सितंबर 2022. चतुर्दशी श्राद्ध
25 सितंबर 2022. अंतिम (अमावस्याद्ध श्राद्ध)

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यह कार्य न करें पितृ पक्ष के दौरान
ज्योतिष शास्‍त्र के अनुसार पितृ या श्राद्धपक्ष के दौरान मसूर और मदार की दाल, अलसी, कुलथी और धतूरा का उपयोग नहीं करना चाहिए। इसके अलावा पितृ पक्ष में तामसिक भोजन,नशीले पदार्थों के सेवन समेत शरीर पर तेल या साबुन का प्रयोग करने को भी वर्जित माना जाता है। वहीं शस्त्रों के मुताबिक श्राद्ध के दौरान नए कपड़े खरीदने, गृह प्रवेश की भी मनाही होती है।

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