उत्तराखंड… नौ और दस साल के भाई बहन को कंठस्थ हैं चारों वेद

हरिद्वार। साधु संतों और धर्म की नगरी हरिद्वार में धर्म शास्त्रों के अनेक विद्वान निवास करते हैं। गंगा तटों और मंदिरों में मंत्र पाठ करते अनेक लोग आसानी से मिल जाएंगे। लेकिन कक्षा चार और पांच में पढ़ने वाले भाई बहन के धर्म शास्त्रों के ज्ञान को देखकर हर कोई अचंभित है।

मधु विहार में रहने वाले गुरूकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय में दर्शनशास्त्र के प्रोफेसर भारत वेदालंकार के नौ वर्षीय पुत्र देवांश और दस वर्षीय पुत्री दीप्ति को चारों वेद और भगवद् गीता सहित कई शास्त्र कंठस्थ हैं।

प्रोफेसर भारत वेदालंकार ने बताया कि उनकी पत्नि डा.प्रमिला संस्कृत व्याकरण में पीएचडी हैं। नौकरी करने के बजाए वे घर पर रहकर बच्चों को वैदिक शिक्षा दे रही हैं। डा.भारत ने कहा कि वह बच्चों को वैदिक शिक्षा देकर पूरी तरह भारतीयता और भारतीय संस्कृति से ओतप्रोत करना चाहते हैं।

यह भी पढ़ें 👉  रिकांगपीयो न्यूज : शोंग—टोंग प्रोजेक्ट की टनल लीक, एनएच मलबे से ठप

जिससे अन्य अभिभावक भी प्रेरणा लें और बच्चों को पाश्चात्य संस्कृति से दूर कर भारतीय संस्कृति से जोड़ें। पाश्चात्य संस्कृति के प्रभाव में बच्चे अपनी संस्कृति और संस्कारों से दूर हो जाते हैं। जिसका नतीजा होता है कि बच्चे एक दिन मां बाप से भी दूर हो जाते हैं।

यह भी पढ़ें 👉  कंगना उवाच : योगी आदित्यनाथ का नारा बंटोगे तो कटोगे एकता का आहृवान

इसलिए वह और उनकी पत्नि बच्चों को वैदिक शिक्षा देने का प्रयास कर रहे हैं। नौ वर्षीय देवांश ने बताया कि वह प्रधानमंत्री बनकर देश को पूरी तरह वैदिक राष्ट्र बनाना चाहते हैं। दस वर्षीय दीप्ति ने कहा कि वह आईएएस बनकर देश सेवा करना चाहती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *