काम की खबर…सूर्य ग्रहण 25 को, गोवर्धन पूजा और भैया दूज की तिथि बदलीं, जानिए आपकी राशि पर तो नहीं पड़ रहा सूर्य ग्रहण
इस बार दीपावली की आतिशबाजी के बाद जब आप सुबह आंख खोलेंगे तो सूर्य ग्रहण का सूतक काल शुरू हो चुका होगा। इसीलिए दीपवली के अगले दिन होने वाली गोवर्धन पूजा 25 को न होकर 26 अक्टूबर को मनाई जाएगी और भैया दूज उसके भी एक दिन बाद यानि 27 अक्टूबर को। हालांकि यह सूर्य ग्रहण् खंडग्रास सूर्य ग्रहण होगा।सूर्य ग्रहण भारत में शाम 4:40 बजे से 5:24 बजे तक रहेगा। इससे 12 घंटे पहले ग्रहण का सूतक काल शुरू हो जाएगा। यानी 24 अक्टूबर से ही सूर्य ग्रहण शुरू हो जाएगा। सूतक काल में मंदिरों के कपाट बंद रहते हैं। सूर्य ग्रहण के बाद ही मंदिरों की साफसफाई के बाद मंदिरों के कपाट बंद हो जाते हैं।
यह सूर्य ग्रहण देश के कई भागों में दिखाई देगा, इसलिए ग्रहण का ज्योतिषीय महत्व है। आंशिक सूर्य ग्रहण 25 अक्तूबर को शाम 4:40 बजे से 5:24 बजे तक रहेगा। सूर्यास्त का समय 5:27 बजे है। इसलिए ग्रहण की अवधि 47 मिनट तक रहेगी। आंशिक सूर्य ग्रहण का परिमाण 36 प्रतिशत होगा। यानि सूर्य के 36 प्रतिशत हिस्से पर ग्रहण की छाया देखी जाएगी।
इस बार दिवाली 24 अक्टूबर दिन सोमवार को मनाई जायेगी। उसके अगले दिन यानी 25 अक्टूबर 2022 दिन मंगलवार को इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लगेगा। यह सूर्य ग्रहण आंशिक सूर्य ग्रहण होगा। सामान्य तौर पर दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया जाता है। परंतु इस बार सूर्य ग्रहण के कारण गोवर्धन पूजा 25 अक्टूबर को न मनाकर 26 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
खगोल शास्त्र के अनुसार, जब सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी लगभग एक सीध में आ जाते हैं। तो इस खगोलीय घटना को सूर्य ग्रहण कहते हैं। सूर्य ग्रहण अमावस्या तिथि पर लगता है। 25 अक्टूबर को लगने वाला सूर्य ग्रहण इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण और तीसरा ग्रहण होगा। साल का पहला सूर्य ग्रहण 30 अप्रैल को लगा था।
वैसे तो सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है। परंतु धार्मिक दृष्टि से सूर्य ग्रहण का खास महत्व होता है। वह भी जब यह ग्रहण किसी पर्व या त्योहार के समय लगे तो इसकी खासियत और बढ़ जाती है। 25 अक्टूबर को लगने वाला सूर्य ग्रहण भारतीय समयानुसार दोपहर बाद 2 बजकर 29 मिनट पर आइसलैंड में शुरू होगा तथा शाम 6 बजकर 20 मिनट पर अरब सागर में ख़त्म होगा। भारत की राजधानी नई दिल्ली में यह सूर्य ग्रहण शाम करीब 04:40 पर शुरू होकर सूर्यास्त के साथ 5:24 पर खत्म हो जाएगा।
धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक, सूर्य ग्रहण का सूतक काल ग्रहण शुरू होने के 12 घंटे पहले प्रारंभ हो जाता है। चूंकि भारत में सूर्य ग्रहण 4 बजे से दिखाई देगा। ऐसे में भारत में इसका सूतक काल सुबह 4 बजे से मान्य होगा। इसलिए गोवर्धन पूजा 25 की बजाय 26 अक्टूबर को होगी और भाई दूज 27 अक्टूबर को मनाई जाएगी।
धार्मिक दृष्टि से सूर्य ग्रहण का विशेष महत्व होता है। ज्योतिष के अनुसार 25 अक्टूबर को लगने वाला यह सूर्य ग्रहण तुला राशि में लगने जा रहा है। चूंकि तुला राशि में सूर्य नीच के माने जाते हैं। इसलिए वे अशुभ फल देते हैं। पंचांग के मुताबिक, इस बार सूर्य ग्रहण के समय सूर्य के साथ चंद्रमा, शुक्र और केतु भी तुला में विराजमान रहेंगे। इस कारण से तुला राशि में चतुर्ग्रही योग का निर्माण भी होगा। इसके अलावा इन चारों ग्रहों पर राहु की सीधी नजर भी रहेगी और शनि भी इसे देखेंगे। इस कारण इस सूर्य ग्रहण का अशुभ फल ज्यादातर राशियों पर पडेगा लेकिन ये 3 राशियां विशेष रूप से परेशान होगी।
मिथुन राशि: सूर्य ग्रहण के प्रभाव के कारण मिथुन राशि वालों के खर्च बढ़ेंगे। इससे इनकी आर्थिक स्थिति खराब हो सकती है। पारिवारिक जीवन में उतार-चढ़ाव रहेगा। जीवनसाथी के बीच मनमुटाव हो सकता है। यह समय निवेश के लिए अनुकूल नहीं है। ऐसे में निवेश न करें तो बेहतर होगा। नौकरी और व्यापार में गिरावट देखी जा सकती है।
तुला राशि: चूंकि यह सूर्य ग्रहण तुला राशि में ही लग रहा है और चतुर्ग्रही योग निर्माण भी हो रहा है। इस लिए यह सूर्य ग्रहण इन जातकों के लिए बेहद अशुभ साबित हो सकता है. हर तरफ से तनाव मिल सकता है दुर्घटना या चोट भी लग सकती है।
मकर राशि: इन जातकों का सेहत ख़राब हो सकता है। नौकरी और व्यापार में नुकसान हो सकता है। निवेश न करें। इस दौरान नौकरी में बदलाव न करें। कोई भी बड़ा फैसला न लेना बेहतर होगा।