पढ़िए —- सामाजिक कार्यों एवम जनसेवा में लगातार सक्रिय,निजी साधनों से लगातार जरूरतमंदों की मदद करने वाले आम जनमानस की आवाज अल्मोड़ा के बिट्टू कर्नाटक की पहल
एस एस कपकोटी की कलम से ।।
अल्मोड़ा- अल्मोड़ा में सामाजिक कार्यों एवम जनसेवा की जहां बात होती है वहा एक नाम हमेशा सामने आता है बिट्टू कर्नाटक। युवा अवस्था से ही लगातार अपनी संस्कृति एवं खेलों के प्रति बिट्टू कर्नाटक की खासी दिलचस्पी रही है।
1980 के दशक में बाल्यावस्था से ही क्रिकेट के वे बेहद बेहतरीन खिलाडी रहे। इसके साथ ही मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्री राम में उनकी गहरी आस्था होने के कारण वे रामलीला से जुडे और वर्ष 1980 से 1995 तक बाल कलाकार तथा विभिन्न किरदारों तथा 1996 से वर्तमान तक लगातार दशानन रावण का जीवंत अभिनय करते आ रहे हैं।उनके द्वारा कर्नाटक खोला अल्मोडा में श्री रामलीला कमेटी की स्थापना की और इस रामलीला को इस मुकाम तक पहुंचाया कि आज यहां की रामलीला को अल्मोडा ही नहीं वरन पूरे देश के साथ ही विदेशों में भी संस्कृति प्रेमी काफी पसंद कर रहे हैं।
सामाजिक एवं सांस्कृतिक क्षेत्रों में उनके द्वारा कृष्ण जन्माष्टमी,दशहरा महोत्सव, शरदोत्सव, कुमाऊं महोत्सव,रामलीला आयोजित किये जाने में अपनी अहम सहभागिता की गयी।वर्ष 1992-93 से वर्तमान तक व्यक्तिगत रूप से श्री कर्नाटक सामाजिक कार्यो में सक्रिय रहे हैं।युवाओं को नशे से दूर रखने के लिये उनके द्वारा नशा छोडो खेल खेलो,गांव चलो प्रतिभा तलाशो,नशा मुक्त खेल युक्त युवा जैसे कार्यक्रम चलाये गए।
इस कार्यक्रम के अन्तर्गत उनके द्वारा अल्मोडा विधानसभा के प्रत्येक ग्राम सभा में स्वयं जाकर युवाओं को नशे के दुष्परिणामों से अवगत कराया तथा युवाओं के समूहों को अब तक लगभग बारह हजार क्रिकेट किट एवं पांच हजार से अधिक बालीबाल किट वितरित कर चुके हैं और इस मुहिम को आज तक जारी रखे हुये हैं।बेटी पढाओ-बेटी बचाओ तथा महिला सशक्तीकरण के अन्तर्गत उनके द्वारा अल्मोडा विधानसभा की बालिकाओं/महिलाओं को शारीरिक मजबूती के लिये खेलों से जुडने के लिये प्रेरित किया तथा अपने व्यक्तिगत संसाधनों से उन्हें बैटमिंटन किट,बालीबाल किट उपलब्ध करायी साथ ही समाज में आगे बढने,अपनी झिझक को मिटाने के लिये उनके द्वारा कई कार्यक्रम संचालित किये गये जिनमें मुख्यतः महिलाओं की कबड्डी प्रतियोगिता एवं उनके द्वारा मंचित रामलीला है जो उत्तराखण्ड राज्य की पहली महिला रामलीला रही है।
इस अनूठी पहल से आज अल्मोडा की अधिकांश रामलीलाओं में बालिका/महिला कलाकारों द्वारा बडे उत्साह से प्रतिभाग किया जा रहा है।कोरोना काल में श्री कर्नाटक के द्वारा अल्मोडा विधानसभा के प्रत्येक गांव/तोकों में जाकर मास्क,ग्लब्ज,सैनिटाईजर का महत्व समझाते हुये आम जनमानस को जागरूक किया गया तथा सात लाख से अधिक मास्क,ग्लब्ज वितरित किये गये । कोरोना काल की पीडा से व्यथित होकर आप द्वारा अपने भवन में राहत शिविर लगाकर पूरी विधानसभा में बत्तीस हजार से अधिक परिवारों को छः माह तक निःशुल्क राशन,सब्जी,आवश्यक दवाईयां,आक्सीमीटर,थर्मल स्कैनिंग मशीन,सैनिटाईजर उपलब्ध कराया गया।
कोरोना काल में विभिन्न राज्यों मेें फंसे प्रवासियों को अल्मोडा विधानसभा उनके घर तक पहुंचाने के लिये श्री कर्नाटक द्वारा वाहन व भोजन व्यवस्था करायी गयी ।गंभीर रूप से कोरोना पीडित व्यक्तियों को उपचार हेतु हल्द्वानी,एम्स दिल्ली व ऋषिकेश भेजने तथा उनके लिये पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की गयी।कोरोना काल में छात्र/छात्राओं की पढाई बाधित हो गयी थी तथा उन्हें आन-लाईन पढाई करने पर मजबूर होना पडा किन्तु अपनी मेहनत व लगन से वे बोर्ड परीक्षा में श्रेष्ठ अंकों से सफल हुये।
इस सफलता में शिक्षक,कर्मचारियों का भी अहम योगदान था।शिक्षक/कर्मचारियों तथा छात्रों का मनोबल बनाये रखने के लिये श्री कर्नाटक द्वारा सम्मान समारोह के नाम से एक नया कार्यक्रम प्रारभ्भ किया जिसके अन्तर्गत अल्मोडा विधान सभा के प्रत्येक विद्यालयों के शिक्षक/कर्मचारियों को अंग वस्त्र तथा बोर्ड परीक्षा में प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण छात्रों को अंग वस्त्र,प्रतीक चिन्ह,मेडल से सम्मानित किया गया।यह कार्यक्रम आज भी लगातार जारी रखा गया है।श्री कर्नाटक के द्वारा जिला चिकित्सालय एवं अपने कैम्प कार्यालय में समय-समय पर रक्तदान शिविर का भी आयोजन किया जाता रहा है।श्री कर्नाटक ने अपना संघर्ष लगातार जारी रखा और अल्मोडा में बेहतर शैक्षणिक माहौल,बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं
सडक सुधारीकरण,बिजली,पानी की समस्याओं के निदान के लिये कई आन्दोलन कर इन समस्याओं के निराकरण में अपना अहम योगदान दिया।
विधानसभा अल्मोडा के कई ग्रामीण क्षेत्र ऐसे थे जिन्हें इण्डेन गैस के लिये 25 से 30 कि.मी. की दूरी तय करनी पडती थी । श्री विट्टू कर्नाटक द्वारा इसमें सार्थक पहल की गयी और इण्डेन गैस सर्विस के उच्चाधिकारियों से सम्पर्क कर ग्रामीणों को इण्डेन गैस उनके गांव के रोड हैड तक मुहैया करायी गयी जिससे ग्रामीणों को आने-जाने में हो रहे अनावश्यक व्यय से मुक्ति मिली और उनका समय व्यर्थ होने से बचा।श्री कर्नाटक के द्वारा बंजर पडी भूमि एवं फारेस्ट भूमि पर हजारों पेड लगाकर पर्यावरण की सुरक्षा का एक सफल प्रयास किया गया साथ ही उत्तराखण्ड के पहाडी उत्पाद जिनमें खाद्यान्न,फल आदि थे के प्रचार प्रसार के लिये कई कार्यक्रम संचालित किये गये जिसके फलस्वरूप आज पहाडी उत्पाद मुख्यतः ज्वार,बाजरा,झींगुरा,मडुवा, भट्ट,गौहत, रैस, लोबिया,पहाडी मसूर, गेठी, पिनालू, गडेरी, कांफल, आडू,नाशपाती,खुमानी,पुलम,आलूबुखारा आदि की पहचान अन्तराष्ट्रीय स्तर पर हुई।
उनके इसी प्रयास के परिणामस्वरूप आज पर्यटक पहाडी व्यंजन एवं फलों की मांग करते हैं जिससे उत्पादकों को उनकी मेहनत की सही कीमत प्राप्त हो सकी है।यह कार्यक्रम/प्रयास आज भी निरन्तर जारी रखे गये हैं।श्री कर्नाटक आज भी सामाजिक हित में कई कार्यक्रम समय समय पर संचालित कर रहे हैं।इसी के तहत उनके द्वारा बहुउद्देशीय भवन कर्नाटक खोला में 18 वर्ष से कम आयु के बालक/बालिकाओं के लिये नृत्य, हारमोनियम, ढोलक, गिटार का प्रशिक्षण आयोजित किया गया।
देश की रक्षा करने वाले तथा सीमा पर एक प्रहरी की भूमिका अदा करने वाले भूतपूर्व सैनिकों के सम्मान में सम्मान समारोह आयोजित किये जाते रहे हैं जिसमें आपके द्वारा उन्हें अंग वस्त्र भेंट कर सम्मानित किया गया।