उत्तराखंड ब्रेकिंग : कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट न हो तब भी लक्षणों के आधार पर उपचार देगा चिकित्सालय, दूसरे जिले के मरीज को भी नहीं लौटाया जाएगा
देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने दोबारा से साफ किया है कि सुप्रीम कोर्ट और भारत सरकार के निर्देश के अनुसार कोई भी किसी भी मरीज को कोविड-19 हेल्प फैसिलिटी में भर्ती करने के लिए कोविड-19 की पॉजिटिव टेस्ट की रिपोर्ट अनिवार्य नहीं है। अगर किसी मरीज में में कोरोना के लक्षण हैं और उसे चिकित्सालय में भर्ती करने की आवश्यकता दिखाई पड़ रही है तो उसे भर्ती किया जाना चाहिए। किसी भी मरीज को इलाज देने से मना नहीं किया जाएगा, चाहे उसे दवाई दिया जाना हो ऑक्सीजन दिया जाना हो भले ही वह दूसरे जिले से ही क्यों ना हो। कोई भी मरीज अगर अपना एडमिट कार्ड नहीं दिखा पाया तो भी उसको इलाज के लिए भर्ती करना अनिवार्य होगा। अस्पतालों में उन तमाम लोगों को भर्ती किया जाए जिन्हें जरूरत है। यह भी देखा जाना जरूरी है कि अस्पताल में बेड उन लोगों को ना दिए जाएं जिन्हें जरूरत नहीं है। जिन्हें हॉस्पिटल में भर्ती नहीं रखना है। उन्हें डिस्चार्ज नई डिस्चार्ज पॉलिसी के आधार पर किया जाना है।