अल्मोड़ा। जीबी पंत संस्थान द्वारा वनाग्नि के प्रभाव, कारण तथा बचाव पर जागरूकता कार्यशाला का आयोजन

अल्मोड़ा। गोविन्द बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान कोसी-कटारमल अल्मोड़ा द्वारा दिनांक 08 से 11 अगस्त 2023 तक नैनीताल जनपद के विभिन्न स्थानों में वनाग्नि के प्रभाव, कारण तथा बचाव के उपायों के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से कार्यशालाओं का आयोजन किया गया।

कार्यशाला संस्थान के निदेशक प्रो0 सुनील नौटियाल तथा जैव विविधता संरक्षण एवं प्रबंधन केन्द्र के केन्द्र प्रमुख डा0 आई0 डी0 भट्ट के मार्गदर्शन में आयोजित किए गए। नैनीताल जनपद के नथुवाखान, नन्धौर, जसपुर, मुक्तेश्वर, पतलोट आदि स्थानों पर वनाग्नि के प्रति जनमानस को जागरूक किया गया जिनमें वन विभाग के प्रतिनिधि भी शामिल रहे। संस्थान के वैज्ञानिक डा0 के0 एस0 कनवाल ने ग्रामीणों को वनाग्नि के प्रभावों तथा कुरीघास, कालाबांसा जैसी अतिक्रमणकारी प्रजातियों से जैव विविधता को पहुच रही क्षति के बारे में अवगत कराया। उन्होंने कहा कि वनाग्नि को रोकने के लिए जनमानस को जागरूक करने की आवश्यकता है। वन विभाग तथा अन्य संस्थानों को जागरूकता अभियान प्रारम्भ करने चाहिए।

कार्यक्रमों के दौरान ग्रामीणों को औषधीय पादपों की कृषि के बारे में भी जानकारी दी गई। चर्चा के दौरान नथुवाखान तथा पतलोट समेत विभिन्न गावों के ग्रामीणों ने औषधीय पौधों की कृषि प्रारम्भ करने की सहमति जताई। डा0 कनवाल ने कहा कि ग्रामीणों को कृषि को बढ़ावा देने तथा बाजार प्रदान करने में संस्थान सहायता प्रदान करेगा। नैनीताल जनपद के पतलोट गांव में किसानों को औषधीय पादपों की कृषि की जानकारी दी गई जिसके तहत माधो सिंह बिष्ट सहित कई प्रगतिशील किसानां ने औषधीय पादपों की कृषि अपनाने पर चर्चा की। कार्यक्रम में संस्थान के वैज्ञानिक डा0 के0 एस0 कनवाल, सौरभ मेहरा, बी0 एस0 मेहता, माधो सिंह बिष्ट, मनवार सिंह नेगी आदि मौजूद रहे।

यह भी पढ़ें 👉  ब्रेकिंग न्यूज : लारेंस बिश्नोई गैंग ने मांगी यूट्यूबर सौरव जोशी से दो करोड़ की फिरौती!, रकम न देने और पुलिस को बताने पर जान से मारने की धमकी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *