बिलासपुर न्यूज : जब रोल बैक ही करना था तो लागू क्यों किया – चेतराम वर्मा
सुमन डोगरा,बिलासपुर (हिमाचल)। हिमाचल प्रदेश पैंशनर्ज वेलफेयर एसोसिएशन जिला बिलासपुर के प्रधान जगदीश दिनेश और जिला महासचिव ने संयुक्त ब्यान में कहा है कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने प्रदेश पेंशनर और पारिवारिक पेंशनर के साथ 4 फरवरी 2024 को सेवानिवृति पर मिलने वाले बकाया भुगतान और मंहगाई भत्ते की अधिसूचना जारी करके भद्दा मजाक किया था।
अब इस निर्णय को रोलबैक करके सरकार अपनी नालायक होने का संदेश दे रही है। जिला महामंत्री चेत राम वर्मा ने कहा है कि अगर इस आदेश को लागू करना ही नहीं था तो यह जारी क्यों किया गया था। उन्होंने कहा कि सरकार इस बारे में संवेदनशील नहीं है और कर्मचारियों की भावनाओं से खिलवाड़ कर रही है।
उन्होंने कहा कि पेंशनर्स कोई भीख नहीं मांग रहे हैं अपना हक मांग रहे हैं। सरकार के पास हर ऐक सेवानिवृत कर्मचारी का बकाया भुगतान के लिए कम से कम 3 लाख और 30 लाख तक अदायगी के लिए लंबित है। सरकार की अधिसूचना के मुताबिक 500 रुपए और ज्यादा से 3000 रुपए का भुगतान हर माह सरकार देना था जो ऊंट के मुंह में जीरा देने का काम कर दिया जो कुल जमा राशि पर ब्याज से भी कम है।
इसके साथ ही दादा नौकरी करेगा भुगतान पोता को किया जाएगा। जिला महामंत्री।चेतराम वर्मा ने कहा है और प्रदेश के कर्मचारी बहुत से गुटों में बंटे होने के कारण सरकार फायदा उठा रही है जब तक प्रदेश पेंशनर और कर्मचारियों के गुटबाजी खत्म नहीं होती है तब तक सरकार द्वारा पेंशनरों और कर्मचारियों का शोषण करती रहेगी। इसलिए सरकार के विरुद्ध आवाज उठाने के लिए एक मंच पर आने का प्रयास करें।
जिला महामंत्री चेत राम वर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार बकाया भुगतान का एक मुस्त अदायगी करना सुनिश्चित करें वर्ना प्रदेश पेंशनर वेलफेयर एसोसिएशन पूरे प्रदेश में सरकार विरुद्ध आवाज उठाने के विवश होंगे जिसका खामयाजा आने वाले समय सरकार को भुगतना पड़ेगा और आने वाले समय में लोक सभा चुनावों में सरकार के विरुद्ध जन जागरण का अभियान चलाएंगे जिसका सरकार के भारी नुकसान उठाना पड़ेगा।
वर्मा ने सरकार से आग्रह किया है कि अपनी इस अधिसूचना को वापिस लेकर लापरवाह अधिकारियों के विरुद्ध जिन्होंने यह साजिश रचकर सरकार के विरुद्ध काम किया है उनके विरुद्ध सरकार कार्यवाही करें जिन्होंने सरकार को गुमराह करके सरकार को भी बदनाम करने का प्रयास किया है। अन्यथा प्रदेश के पेंशनर सरकार के विरुद्ध सड़कों पर उतरने को मजबूर होंगे।