बिलासपुर भाजपा के दो विधायकों ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पर किया पलटवार

सुमन डोगरा, बिलासपुर। भाजपा ने हिमाचल में राजनीतिक हालातों को लेकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पर पलटवार किया है। भाजपा का कहना है कि मुख्यमंत्री शुरू से ही अपने राजनीतिक ‘दरबारियों’ से घिरे रहते हैं। उनके कहने पर वह कांग्रेस संगठन के साथ ही अपने मंत्रियों और विधायकों की हर बात को नजरअंदाज करते रहे।

प्रदेश में राजनीतिक उथल-पुथल के लिए मुख्यमंत्री खुद कसूरवार हैं, जो हिटलर बन बैठे हैं। अपनी राजनीतिक नाकामी के लिए भाजपा को दोषी बताकर वह जनता की सहानुभूति हासिल करना चाहते हैं, लेकिन लोग उनकी असलियत जान चुके हैं। भाजपा ने अफसरशाही को भी सलाह दी है कि वह लक्ष्मण रेखा न लांघे। इस सरकार के भविष्य के साथ अपना भविष्य जोड़ना उनके लिए ठीक नहीं है।

नयनादेवी के विधायक रणधीर शर्मा और बिलासपुर सदर के विधायक त्रिलोक जमवाल ने कहा कि कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद से हर काम राजनीतिक द्वेष भावना से हो रहा है। मुख्यमंत्री अपने लोगों को भी कदम-कदम पर अपमान के कड़वे घूंट पीने पर मजबूर करते रहे। इससे आहत होकर एक मंत्री ने इस्तीफा दे दिया, जबकि एक मंत्री केबिनेट की बैठक से रोते हुए बाहर निकले। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कई बार कह चुकी हैं कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं की सरकार में सुनवाई नहीं हो रही है।

कई विधायक खुलेआम कह रहे हैं कि उनके छोटे-छोटे काम भी नहीं हो रहे हैं। जनहित से जुड़े आवेदनों को उनके सामने ही डस्टबिन में डाल दिया जाता था। अपनी सरकार में घुटन महसूस कर रहे विधायकों की नाराजगी राज्यसभा चुनाव में सामने आई। उन्होंने अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनकर फैसला लिया और कांग्रेस के एजेंट को दिखाकर भाजपा प्रत्याशी को वोट दिया। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि मुख्यमंत्री के प्रति उनकी कितनी नाराजगी है।

रणधीर शर्मा और त्रिलोक जमवाल ने कहा कि बहुमत खो देने के बाद मुख्यमंत्री को अपनी कुर्सी की चिंता सता रही है। बौखलाहट में वह जहां विधायकों के खिलाफ अनाप-शनाप बयानबाजी कर रहे हैं, वहीं उनके परिवारों और समर्थकों को भी बेवजह प्रताड़ित कर रहे हैं। अपने क्षेत्र के विकास और जनहित से जुड़े मुद्दों को लेकर आवाज उठाकर अपना दायित्व निभाने वाले विधायकों के खिलाफ सुनियोजित ढंग से विरोध-प्रदर्शन करवाने के साथ ही उनके व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया जा रहा है।

यह भी पढ़ें 👉  हे राम…घर में सो रहा था 5 महीने का बच्चा, कुत्ते ने काट-काटकर ले ली जान; गुस्साए लोगों ने उसे भी मार डाला

इन हालातों के लिए मुख्यमंत्री खुद जिम्मेदार हैं। इसके लिए भाजपा को दोषी बताने से पहले उन्हें यह बताना चाहिए कि क्या उनके मंत्रियों व विधायकों के साथ ही कांग्रेस पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं की अनदेखी करने के भी उन्हंे भाजपा ने ही कहा था। उन्हें बात-बात पर रोने की आदत पड़ चुकी है। पहले वह वित्तीय स्थिति, कर्ज न मिलने और आपदा के समय पैसा न मिलने का झूठा रोना रोते रहे।

यह भी पढ़ें 👉  समय से आगे चल रहा मानसून, अगले हफ्ते अंडमान सागर में करेगा एंट्री; 5 दिन इन राज्यों में झमाझम बारिश के आसार

अब अपने विधायकों के फिसल जाने पर वह भाजपा को कोस रहे हैं। वह हमेशा घड़ियाली आंसू बहाकर जनता की सहानुभूति हासिल करना चाहते हैं। वह भूल गए हैं कि मुख्यमंत्री पूरे प्रदेश का होता है। उन्हें राजनीतिक द्वेष भावना या पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर काम नहीं करना चाहिए था।

यह भी पढ़ें 👉  घाटकोपर होर्डिंग ढहने का मामला : कंपनी के मालिक पर गैर इरादातन हत्या का मामला दर्ज, रेप और पेड़ों के अवैध कटान जैसे 23 ममले पहले ही दर्ज हैं भावेश पर, अब है फरार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *