ब्रेकिंग न्यूज : बिलासपुर नगर परिषद के अध्यक्ष कमलेंद्र कश्यप ने दिया इस्तीफा
सुमन डोगरा, बिलासपुर। बिलासपुर नगर परिषद के अध्यक्ष कमलेंद्र कश्यप ने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया है। नगर परिषद कार्यालय में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कमलेंद्र कश्यप ने कहा कि इस बार पिछले अढाई सालों से वह बतौर अध्यक्ष बिलासपुर की जनता की सेवा कर रहे थे, लेकिन उन्हें लगा कि वह जनता की अपेक्षाओं पर प्रशासनिक शक्तियां न हो पाने के कारण खरा नहीं उतर पा रहे हैं। इसलिए उन्होंने इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए त्यागपत्र दे दिया है।
उन्होंने बताया कि वह इसी नगर परिषद में दो बार पार्षद दो बार उपाध्यक्ष तथा दो बार अध्यक्ष पद पर रहे हैं और बिलासपुर का कोई भी ऐसा वार्ड नहीं होगा जहां उन्होंने अपने प्रयासों से विकास कार्य न करवाया हो। लेकिन पिछले कुछ वर्षों से जिस तरह से पार्षदों की प्रशासनिक शक्तियां कम कर दी गई है उसे कारण से जनता की अपेक्षाओं पर पार्षद खरा नहीं उतर पा रहे हैं ।
उन्होंने कहा कि बिलासपुर नगर परिषद को प्रदेश की ओर से मिलने वाला बजट भी इसलिए नहीं मिल पाता क्योंकि बिलासपुर नगर में गृह कर तथा अन्य कारों की उगाही नहीं हो पाती। उन्होंने बताया कि बिलासपुर शहर भाखड़ा विस्थापितों का शहर है और 999 वर्ष की लीज पर है। इसकी मलिक सरकार है लेकिन विस्थापितों से कर मांगा जाता है।
उन्होंने कहा कि भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड ने बिलासपुर में लोगों को इसलिए उजड़ने पर मजबूर किया था कि यहां पर भाखड़ा बांध का निर्माण हुआ था। लेकिन लोगों को उजाड़ने के बदले मात्र प्लॉट देकर इति श्री कर ली गई जबकि उसमें भी अभी कई लोगों को प्लॉट दिए जाने हैं।
उन्होंने कहा कि नगर परिषद की ओर से उन्होंने कई बार प्रदेश सरकार बीबीएमबी और केंद्र सरकार को प्रस्तावना लिखकर भेजी कि बिलासपुर में बीबीएमबी द्वारा जो मूलभूत सुविधाएं विस्थापितों को उपलब्ध करवाई जानी है वह नहीं करवाई जा रही। उन्होंने कहा कि इन प्रस्तावनाओं का कोई भी असर नहीं हुआ।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा साथ लगते क्षेत्र कोल डैम में विस्थापितों को हर प्रकार की सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही हैं। उन्होंने बताया कि नगर परिषद में कोई भी पार्षद किसी राजनीतिक दल के चिन्ह पर चुनाव लड़कर नहीं आता लेकिन फिर भी यहां पर राजनीति और रिश्तेदारी चल रही है जिससे वह काफी आहत हैं।
उन्होंने वर्तमान सरकार तथा पूर्व सरकार का आभार प्रकट किया कि उन्होंने बिलासपुर में नगर परिषद को जो भी सहायता की उसके लिए वह उनके आभारी हैं । उन्होंने कहा कि 11 पार्षदों वाली इस नगर परिषद में नए अध्यक्ष के लिए अगर बिना रिश्तेदारी और राजनीति से किसी का नाम प्रस्तावित किया जाएगा तो वह उसका समर्थन करेंगे।