हल्द्वानी: हे भगवान…मुंबई के कथित साइबर क्राइम थाने से आई कॉल और गिरफ्तारी का डर दिखा कर लूट लिए एक लाख, वीडियो पर बंधक भी बनाकर रखा

हल्द्वानी। यहां के मुखानी थाने में साइबर ठगी का हैरतअंगेज मामला समाने आया है। शिकायतकर्ता ने इस मामले की जीरो एफआईआर दर्ज करके अगली कार्रवाई के लिए साइबर क्राइम थाना रुद्रपुर को भेज दी है।

शिकायत के अनुसार लामाचौड़ हल्द्वानी निवासी पीड़ित ने बताया है कि इसी वर्ष एक अप्रैल को उसे एक मेबाइल नंबर से काल आई जिसमें उसे बताया गया कि उसके द्वारा मुंबई से ताइवान भेजे गए एक पार्सल में कुछ अवैध सामग्री पाई गई है। इसी वजह से उनका भेजा गया पार्सल वापस लौट आया है। कालर ने उसे तुरंत मुंबई के साइबर क्राइम ब्रांच कार्यालय मुंबई में पहुंचने के लिए कहा।

इस पर उन्होंने तुरंत मुंबई पहुंचने में असमर्थता जाहिर की तो उसे स्काईप काल से जुड़ने के लिए कहा गया और दरवाजे को बन्द करवाकर उसकी सारी पारिवारिक जानकारी व प्रोफेशनल डिटेल, कम्पनी डिटेल, आधार कार्ड डिटेल व सभी बैंक खातों के बारे में मांगी गई । डरे हुए शिकायत कर्ता ने सभी जानकारी बता दी।

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उसके बाद उक्त साईबर क्राईम ब्रान्च के फर्जी अधिकारी ने उसे बताया कि अब उसके डीएसपी उससे बात करेंगे। इसके बाद कथित डीएसपी ने उसे बताया कि उसका गिरफ्तारी वारंट बना हुआ है। डरे हुए शिकायतकर्ता ने उन्हें सहयोग करने का आश्वासन दिया तो कथित डीएसपी ने कहा कि वह वैरीफाई करेगा कि उसके खाते से कोई अवैध ट्रान्जैक्सन क्रिमिनल एकाउन्ट में तो नहीं किये गये हैं।

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इसके बाद डीएसपी ने उसे दो बैंक खाता नंबर दिए और उनमें 98989 रुपये जमा करने के लिए कहा गया। चेतावनी भी दी गई कि पन्द्रह मिनट में आपके रुपये वापस आ गये तो कोई समस्या नहीं है, अन्यथा आगे की जॉच की जायेगी। इसके बाद घबराए शिकायत कर्ता ने गूगल-पे व अपनी बहन के गूगल-पे से ट्रान्जैक्शन करने का असफल प्रयास किया। इसके बाद जैसे तैसे करके पीड़ित ने 50—50 हजार रुपये की दो ट्रान्जैक्शन बताए गए खाते में की।

इसके बाद उसे कहा गया कि वह अपने हाथ बांध कर बैठ जाए और उसे फोन भी यूज करने की इजाजत नहीं दी गई। उसने ऐसा ही किया। इसके लगभग 10-15 मिनट बाद काल अपने आप डिसकनैक्ट हो गई। फिर पीड़ित ने उसी नंबर पर कई काल कीं लेकिन किसी ने काल नहीं उठाई। तब उसे अहसास हुआ कि उसके साथी ठगी हो गई है। उसे देर रात मुखानी पुलिस थाने में तहरीर सौंपी जिसे जीरो एफआईआर दर्ज करके आगामी कार्रवाई के लिए साइबर क्राइम पुलिस थाना रुद्रपुर के लिए अग्रसारित कर दिया गया है।

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