उत्तराखंड: आबादी तक पहुंची जंगल की आग, मची अफरा-तफरी

हल्द्वानी। पर्वतीय क्षेत्रों में लगी आग अब आबादी क्षेत्रों में पहुंचने लगी है। इससे ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। सोमवार की रात बेतालघाट ब्लॉक के धूरा के जंगल में लगी आग मंगलवार को छोटी जजुली गांव के आबादी क्षेत्र तक पहुंच गई। ऐसे में ग्रामीणों ने पानी और पिरूल की लाइन काटकर करीब 10 घरों के लोगों को आग से बचाया।

सोमवार की रात वनाग्नि की आग जजुली गांव तक पहुंच गई। लोगों ने आग धधकते देखा तो वे भयभीत हो गए। इस दौरान क्षेत्र के ग्रामीण सोबन सिंह करायत, महेंद्र सिंह, राजेंद्र सिंह, विमला देवी और लता देवी दूरदराज से पानी लाकर आग बुझाते रहे, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली।

इस बीच चीड़ के पेड़ों से गिरे पिरूल की लाइन को काटकर आग को आबादी क्षेत्र तक पहुंचने से रोक लिया गया। हालांकि,राजेंद सिंह के घास के दो लुटे और नाशपाती व नीबू के पेड़ झुलस गए। वहीं सोमवार की देर शाम सुयालबाड़ी के जंगल में लगी आग आबादी क्षेत्र तक पहुंच गई। फायर बिग्रेड, वन कर्मियों और ग्रामीणों ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। बेतालघाट के जंगलों में लगी आग से इस बार कई हेक्टेयर वन संपदा को भारी नुकसान पहुंचा है।

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वनाग्नि रोकने में लगे कर्मियों की पीठ थपथपाई
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व (सीटीआर) के जंगलों में लगी आग की घटना पर काबू पाने वाले वन कर्मियों की चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन ने सराहना की। उन्होंने सीटीआर के विभिन्न क्षेत्रों का निरीक्षण किया। चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन डॉ. समीर सिन्हा ने कालागढ़ से सीटीआर पहुंचे। इसके बाद चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन क्रू स्टेशन पहुंचे, जहां कर्मचारियों से वार्ता की। इस दौरान सीटीआर निदेशक डॉ. धीरज पांडेय आदि मौजूद रहे।

वन कर्मियों ने पुलिस के साथ निकाला फ्लैग मार्च
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व (सीटीआर) की सर्पदुली रेंज और रामनगर पुलिस ने फ्लैग मार्च निकाला। लाउडस्पीकर के माध्यम से वनाग्नि को लेकर लोगों को जागरूक किया। इस मौके पर रेंजर बिंदरपाल, कोतवाल अरुण कुमार सैनी, एसएसआई द्वितीय मनोज नयाल, वन दरोगा धर्मपाल नेगी, वन आरक्षी जगदीश, चंदन, स्वाति, विजयपाल, गोविंद व पंकज रावत मौजूद रहे।


वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए एडवाइजरी जारी
नैनीताल जिले में वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए जिला प्रशासन ने एडवाइजरी जारी की है। साथ ही सभी प्रभागीय वनाधिकारी, जिला आपूर्ति अधिकारी, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, जिला पर्यटन अधिकारी, नगर आयुक्त, उप जिलाधिकारी, लोनिवि आदि विभाग को दायित्व दिया गया है।

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अपर जिला अधिकारी पीआर चौहान ने बताया कि विभिन्न व्यक्तियों और प्रतिष्ठानों की ओर से वन भूमि में ठोस अवशिष्ठ के निस्तारण, जलावन, ज्वलनशील सामग्री एवं अन्य ऐसी सामग्री जो की अव्यवस्थित रूप से फैकने पर प्रतिबंध लगाया गया है। कहा किसी व्यक्ति या प्रतिष्ठान की ओर से खुले में कूड़ा या जैविक ज्वलनशील सामाग्री फैकी जाती है, तो तत्काल प्रभाव से उसके विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी। इसके अतिरिक्त ठोस अपशिष्ठ प्रबंधन प्लान्ट, टैंचिग ग्राउंड व कूड़ा घरों में किसी भी प्रकार की सामग्री को जलाने पर पूर्णतः रोक लगाई गई है।

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अपर जिला अधिकारी चौहान ने बताया ने पेट्रोल पंप, लीसा फैक्ट्री, भूसा गोदाम आदि के लिए परिसर के 100 मीटर की परिधि से ज्वलनशील अवशिष्ठ जैसे प्लास्टिक कागज संबंधित कूड़ा, पीरूल, सूखे पत्ते टहनियां इत्यादि को तत्काल हटाने के निर्देश दिए। कहा होटल, रिर्जाट, रेस्टोरेंट, गेस्ट हाउस, होम स्टे एवं अन्य व्यवसायिक प्रतिष्ठानों की ओर से उत्सर्जित अवशिष्ठों (जैविक एवं अजैविक) को खुले में छोड़ना पूर्णतः प्रतिबंधित होगा।

प्रतिकूल तथ्य संज्ञान में आने पर दण्डात्मक कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। बताया कि धार्मिक स्थलों के 100 मीटर की परिधि में स्थापित विभिन्न फड़, दुकान व पूजा सामाग्री व्यापारी कूड़े का निस्तारण करेंगे। खुले में कूड़ा फैकने एवं फैलाने की दशा में संबंधित समिति, प्रबंधक, संचालक व व्यक्तियों की व्यक्तिगत जवाबदेही निर्धारित की जाएगी। उन्होंने सड़क एजेंसियों की ओर से एनएचएसएचएमडी आरओडीआर मार्गों के किनारे से तत्काल कंप्रेसर, लीफ ब्लोअर या मानव श्रम की ओर से सफाई कराते हुए सूखे पत्तों, पीरूल आदि को हटाने के निर्देश दिए।

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