जज्बे को सलाम : उम्र के अंतिम पड़ाव पर रस्किन बांड ने खुद पर लिखी कहानी
देहरादून। जाने माने अंग्रेजी लेखक रस्किन बांड ने खुद के जीवन पर लिखी कहानी को एक किताब के रूप में प्रकाशित किया है। ‘द हिल्स ऑफ एंचेंटमेंट का उन्होंने मसूरी में मंगलवार को विमोचन किया।
90 साल के हो चुके रस्किन बांड ने 1951 में पहली कहानी लिखी थी और इसके बाद से वह लगातार लिखते आ रहे हैं। एलएफ प्रकाशन से प्रकाशित द हिल्स ऑफ एचेंटमेंट (जादू की पहाड़ी) पुस्तक के विमोचन मौके पर रस्किन बांड ने अपने पाठकों को शुभकामनाएं भी दी। रस्किन बांड देश के ऐसे अंग्रेजी लेखक हैं जो सबसे अधिक पढ़े जाते हैं।
उम्र के अंतिम पड़ाव में भी पाठकों के लिए लिख रहे हैं। एक लेखक के रूप में अपने अनुभवों और जीवन में घटित घटनाओं को अपनी पुस्तक में स्थान दिया है। वह कहते हैं सुंदर पहाड़ों, एकांत माहौल, घर की खिड़की से देखने वाली फेयरी हिल ने उनके कार्य का प्रभावित किया।
रस्किन बॉड ने कहा कि वह जो भी लिखते है वह अपने जीवन से जुड़े अनुभवों पर ही लिखते हैं, जिसे पाठक पसंद करते हैं। यही बात उन्हें इस उम्र में भी लिखने के लिए प्रेरित करती है। वह कहते हैं उनकी पहली कहानी 1951 में स्टेट वीकली में छपी थी, उसके बाद से लिखना कभी रुका नहीं।
उन्होंने पुस्तक विमोचन के मौके पर अपने पाठकों के लिए शुभकामनाएं दी, कहा कि सभी खुश रहे, पूरे विश्व में खुशी रहे। इस मौके पर एलएफ प्रकाशन के डेविड देवीधर ने कहा कि रस्किन बॉड के साथ लंबे समय से रिश्ते हैं, जब वे जवान थे तब से उनकी पुस्तकों का प्रकाशन कर रहे है।
इस पुस्तक में भी उन्होंने अपने जीवन से जुड़े किस्सों को लिखा है। कहा कि आज पाठकों के पास कई तरह के विकल्प हैं, लेकिन फिर भी पुस्तकें पढ़नी चाहिए, पुस्तकें पढ़ने से ज्ञान में वृद्धि होती है। उन्होंने नये लेखकों को संदेश दिया कि वे अच्छा लिखते रहें, अच्छी पुस्तकें पढ़े। इस मौके पर क्रेंब्रिज बुक डिपो के सुनील अरोड़ा समेत अन्य मौजूद रहे।