बिलासपुर जिले में स्वीप गतिविधियों के कारण हुई मतदान प्रतिशत में बढ़ोतरी, लोकसभा चुनाव के लिए 72.02 प्रतिशत मतदान का आंकड़ा सर्वश्रेष्ठ
सुमन डोगरा, बिलासपुर। हिमाचल प्रदेश में लोकसभा चुनाव के उपरांत ईवीएम स्ट्रांग रूम में जमा कर ली गई हैं। बिलासपुर जिले के चारों विधानसभा क्षेत्रों की अगर बात की जाए तो लोकसभा चुनाव में मतदान का प्रतिशत चारों विधानसभा क्षेत्र में बढ़ा है। इसका सीधा श्रेय स्वीप गतिविधियों की ओर जाता है।
बिलासपुर जिले में स्वीप के लिए बनाए गए नोडल अफसर हेमंत नेगी और उनकी टीम ने बेहतर परफॉर्मेंस दी । जिस कारण यह आंकड़ा 72.02 प्रतिशत पहुंचा। इसके अलावा जिस तरह से उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक ने अपनी टीम से काम लिया वह भी प्रशंसा के काबिल है। बिलासपुर जिले में जहां हर सीनियर सेकेंडरी और हाई स्कूल में स्वीप गतिविधियां चलाई गई वहीं राजकीय कॉलेज, प्राइवेट शिक्षण संस्थान तथा युवक मंडल और महिला मंडलों द्वारा भी मतदान करने के लिए जागरूकता लाई गई।
बिलासपुर हिमाचल प्रदेश का ऐसा पहला जिला था जहां पर एक साहित्यकार रतन चंद निर्झर ने 40 मतदान केंद्रों का पैदल चलकर भ्रमण किया और लोगों को मतदान के प्रति जागरूक किया। इसके अलावा स्कूटी रैली, एनएसएस, एनसीसी तथा कॉलेज के विद्यार्थियों द्वारा निकाली गई रैलियां भी इसमें बढ़ोतरी का कारण रही। सबसे हैरानी की बात तो यह रही कि बिलासपुर जिले में लोकसभा चुनावो के दौरान न तो कोई बड़े नेता की रैली आयोजित हुई और न ही राजनीतिक दलों द्वारा कोई विशेष गतिविधि इस जिले में चलाई गई।
सिर्फ भारतीय जनता पार्टी द्वारा पन्ना प्रमुख सम्मेलन किया गया जिसमें भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा मुख्य अतिथि रहे। लेकिन वह बिलासपुर से संबंधित हैं इसलिए उसे कार्यक्रम का भी इतना असर नहीं पड़ा। इसके अलावा मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने चारों विधानसभा क्षेत्र में रैलियां की।
इसके अलावा कोई भी गतिविधि बिलासपुर में आयोजित नहीं हुई जिससे कहा जा सकता है कि कुल मिलाकर स्वीप गतिविधियां ही इस मत प्रतिशतता को बढ़ाने के पीछे देखी जा सकती हैं।