कलेक्ट्रेट को लगाई गई  शटल सेवा का किराया तिगुना बढ़ाए जाने पर कई संगठनों ने किया विरोध

एस एस कपकोटी 

अल्मोड़ा। शहर ने न्यू कलेक्ट्रेट व विकास भवन को लगाई गई शटल सेवा का किराया सीधे तीन गुना कर दिया गया है। पालिका प्रशासन द्वारा 13 जून गुरुवार  से नई दर लागू करने का फैसला लिया है।इधर नगर के कई सामाजिक संगठनों ने पालिका के इस फैसले का विरोध करते हुए इसे अभिहारिक बताया ।

बता दें कि कलेक्ट्रेट के पांडेखोला के निकट शिफ्ट होने के बाद तत्कालीन जिलाधिकारीडीएम वंदना ने जनता की सुविधा के लिए शटल सेवा शुरू करवाई थी जिसमें एक तरफ का   किराया 10 रुपये तय किया था। लेकिन यह का आशंका व्यक्त की जाने लगी थी कि 10 रुपये किराये में अधिक दिनों तक यह व्यवस्था नहीं चल सकेगी और हुआ भी वही।अब लोस चुनाव की आचार संहिता के खत्म होते ही पालिका प्रशासन ने शटल सेवा का किराया सीधे 30 रुपये किराया कर दिया है। जिसका अब  कई संगठनों ने किराया बढ़ाने का विरोध किया है। 

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राष्ट्र नीति संघ प्रमुख विनोद तिवारी ने जिला प्रशासन को ज्ञापन देकर किराया बढ़ोतरी का विरोध किया है तिवारी का कहना है कि  पहले  तो कलेक्ट्रेट  शिफ्ट करना अव्यवहारिक था फिर शटल सेवा किराया बढ़ा कर आम आदमी की प्रशासन से दूरी करने की कोशिश हो रही है। इस पर पुनर्विचार किया जाय। तिवारी ने कहा की पुनर्विचार नहीं होने पर आंदोलन किया जाएगा। ज्ञापन देने वालों में राज्य आंदोलनकारी कमलाजोशी मंजू पंत मनोज पांडे दीपक आर्य हिमांशु जोशी आदि शामिल हैं। 

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साथ ही बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष कवींद्र पंत ने कहा है बिना लोगों की राय सुमारी किए कलेक्ट्रेट को शिफ्ट किए जाने के बाद भड़के जन आक्रोश को शांत करने के लिए शटल सेवा निर्धारित किराए के साथ शुरू की गई थी लेकिन किराये में एकदम तीन गुना वृद्धि कर देना अव्यवहारिक और सरासर गलत है जो जनहित की घोर उपेक्षा है। पंत ने कहा कि पालिका का जिम्मा संभाल रहे जिला प्रशासन को जनभावनाओं का ध्यान देना चाहिए। वही पूर्व दर्जा राज्यमंत्री एड केवल सती ने कहा कि जहां टैक्सी वाहन 30 रुपए किराया ले रहे हैं ऐसे में शटल सेवा का यही किराया भी तीन गुना किया जाना अव्यवहारिक है। उन्होंने कहा कि बहुत जरूरी होने पर किराया 20 रुपये किया जा सकता है। लेकिन जिस तरीके से किराया सीधे टायकून बढ़ा दिया गया है वह जन भावनाओं के साथ खिलवाड़ है।

वहीं इस मामले में पालिका प्रशासन का कहना है कि गाडी के खर्च नहीं निकल पा रहे हैं इसको देखते हुए यह फैसला लिया गया है। यही नहीं बेस को लगाई गई बस भी कलेक्ट्रेट के लिए तय कर दी गई है। शटल सेवा में दो बसों का संचालन होने से जनता को सुविधा होगी।

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