एक हवलदार का गायब हो जाना : तबीयत बिगड़ने पर जसवीर को कराया चिकित्सालय में भर्ती, मई महीने में लगा था रिश्वत का आरोप, नारायणगढ़ में छिपा जसवीर कर रहा था परिजनों को फोन

नाहन। सिरमौर पुलिस के लिए 12 जून से किरकिरी बना हवलदार जसवीर सिंह अब पुलिस के हाथ लग चुका है। आज डीआईजी सीआईडी क्रइम डा. डीके चौधरी ने पत्रकारवार्ता करके पूरे मामले का पटाक्षेप किया। खुलासा हुआ कि पुलिस अधिकारियों पर आरोप लगाने वाले हवलदार के ऊपर इससे पहले मई माह में 45 हजार रुपये की रिश्वत का आरोप भी लगा था। शिकायतकर्ता ने उसके साथ हुई बातचीत का एक वीडियो भी एसपी सिरमौर को उपलब्ध कराया था। एसपी में इस मामले में विभागीय प्राथमिक जांच में आरोप सही पाए थे और अब इस मामले में कार्रवाई भी होनी थी। डीआईजी ने बताया कि हवलदार गायब होने के बाद नारायणगढ़ में जाकर छिप गया था। वह अपने परिवार के सदस्यों के साथ मोबाइल फोन पर संपर्क में था यही फोन कॉल उसके पकड़े जाने की वजह बनी।

डीआईजी सीआईडी क्राइम चौधरी ने बताया कि शुक्रवार को जब जसवीर सिंह ने अपने परिवार के एक सदस्य को मोबाइल पर काल की तो एसडीपीओ पांवटा साहिब आदिति सिंह कालाअंब में मौजूद थीं और उन्होंने तुरंत कार्रवाई करते हुए जसवीर नारायणगढ़ से दबोच लिया। जसवीर की तबीयत ठीक नहीं थी। उसे मेडिकल कालेज नाहन में भर्ती करवाया गया है।

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उन्होंने बताया कि अभी तक जसवीर के बयान कलमबद्ध नहीं हो पाए हैं। जल्द ही उनके बयान लिए जाएंगे। सीआईडी क्राइम के डीआईजी डॉ. डीके चौधरी ने कहा कि यह सही है कि इस प्रकरण से पुलिस विभाग की किरकिरी हुई है और छवि पर विपरित असर पड़ा है। इस मामले में अब विभागीय कार्रवाई होगी।

पुलिस अधीक्षक सिरमौर रमन कुमार मीणा के अनुसार कालाअंब के देवनी में हुई पंजाब के लोगों द्वारा स्थानीय लोगों के साथ की गई मारपीट के जिस मामले के बाद हेड कांस्टेबल का यह पूरा प्रकरण हुआ उस मारपीट के मामले की जांच का जिम्मा भी अब सीआईडी को सौंप दिया गया है। इस मामले में आदेश आईजी हिमाचल पुलिस की तरफ से सिरमौर पुलिस को मिल चुके हैं।

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एसपी सिरमौर रमन कुमार मीणा ने एक सवाल के जवाब में बताया कि इस पूरे मामले से पहले ही कालाअंब में तैनात हेड कांस्टेबल जसवीर के खिलाफ एक व्यक्ति ने 17 मई को उन्हें शिकायत सौंपी थी। शिकायत में जसवीर पर 45 हजार रुपए की रिश्वत के आरोप लगाए गए थे। इस दौरान शिकायतकर्ता द्वारा एक ऑडियो रिकार्डिंग भी पुलिस को उपलब्ध करवाई गई थी। इस मामले में जांच का जिम्मा डीएसपी हैडक्वार्टर रमाकांत ठाकुर को सौंपा गया था और मामले में जांच की गई। शुरुआती जांच में आरोपों की पुष्टि पाई गई थी। मामले में आगामी जांच व कार्रवाई की जानी थी, लेकिन इस बीच जसवीर द्वारा वीडियो वायरल करने व छुप जाने का नया प्रकरण सामने आया।

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एसपी सिरमौर रमन कुमार मीणा ने कहा कि मारपीट का जो मामला देवनी में सामने आया उसके वीडियो में पता चल रहा है कि पंजाब के लोग किस तरह से यहां सरेआम दिन दहाड़े युवक पर डंडे बरसा रहे हैं। ऐसे में जब पीड़ित पक्ष हेड कांस्टेबल की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हुआ तो उन्होंने उन्हें शिकायत की। इस शिकायत पर हेड कांस्टेबल को सही जांच करने के निर्देश दिए गए थे। उन्होंने कार्रवाई करने की बजाय वीडियो वायरल कर दिया।

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एसपी ने बताया कि हेड कांस्टेबल वीडियो में जो मारपीट के मामले में धारा 307 दर्ज करने को लेकर पुलिस अधिकारियों पर आरोप लगा रहे हैं वह बिल्कुल बेबुनियाद हैं। उन्होंने कहा कि मामले में हेड कांस्टेबल को सही जांच करने के निर्देश दिए गए थे। उन्होंने कहा कि हेड कांस्टेबल ने ऐसा क्यों कहा यह जांच का विषय है।

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