लोग लापता हो जाते हैं इस घाटी में, आज तक नहीं खुल पाया इसका राज

इस घाटी में भू-हीनता का प्रभाव बना रहता है। यानी यह घाटी वायुमंडल के चौथे आयाम से प्रभावित रहती है। तिब्बत के एक मशहूर विद्वान युत्सुंग कहते हैं कि इस घाटी का संबंध सीधे अंतरिक्ष से है।

यह रहस्यमयी घाटी भारत में ही है। अरुणाचल और तिब्बत की सीमा पर मौजूद इस घाटी के बारे में कहा जाता है कि एक बार जो यहां चला गया, वापस कभी नहीं आ सका। दरअसल, अरुणाचल और तिब्बत की सीमा पर जो पहाड़ियां या घाटी हैं वहीं कहीं शंगरी-ला घाटी भी है, लेकिन उसकी सही लोकेशन किसी को नहीं पता है।
यह रहस्यमयी घाटी भारत में ही है। अरुणाचल और तिब्बत की सीमा पर मौजूद इस घाटी के बारे में कहा जाता है कि एक बार जो यहां चला गया, वापस कभी नहीं आ सका। दरअसल, अरुणाचल और तिब्बत की सीमा पर जो पहाड़ियां या घाटी हैं वहीं कहीं शंगरी-ला घाटी भी है, लेकिन उसकी सही लोकेशन किसी को नहीं पता है।

इस घाटी को लेकर बड़े-बड़े विद्वानों का कहना है कि यहां भू-हीनता का प्रभाव बना रहता है। यानी यह घाटी वायुमंडल के चौथे आयाम से प्रभावित रहती है। तिब्बत के एक मशहूर विद्वान युत्सुंग कहते हैं कि इस घाटी का संबंध सीधे अंतरिक्ष से है। वहीं, तिब्बती भाषा की किताब काल विज्ञान में भी इस जगह का जिक्र मिलता है।
इस घाटी को लेकर बड़े-बड़े विद्वानों का कहना है कि यहां भू-हीनता का प्रभाव बना रहता है। यानी यह घाटी वायुमंडल के चौथे आयाम से प्रभावित रहती है। तिब्बत के एक मशहूर विद्वान युत्सुंग कहते हैं कि इस घाटी का संबंध सीधे अंतरिक्ष से है। वहीं, तिब्बती भाषा की किताब काल विज्ञान में भी इस जगह का जिक्र मिलता है।

यह भी पढ़ें 👉  हल्द्वानी ब्रेकिंग : पकड़ा गया यू ट्यूबर सौरव जोशी से फिरौती मांगने वाला 19 वर्षीय युवक

रहस्यमयी शंगरी-ला घाटी पंगासाऊ के नाम से भी मशहूर है। कहते हैं कि यह शंगरी-ला झील के पास कहीं है। इस झील की चौड़ाई करीब 1.5 किलोमीटर आंकी गई है। हालांकि, सही मायनों अब तक इसकी सही चौड़ाई का कोई पता नहीं लगा पाया। रहस्यमयी शंगरी-ला घाटी पंगासाऊ के नाम से भी मशहूर है। कहते हैं कि यह शंगरी-ला झील के पास कहीं है। इस झील की चौड़ाई करीब 1.5 किलोमीटर आंकी गई है। हालांकि, सही मायनों अब तक इसकी सही चौड़ाई का कोई पता नहीं लगा पाया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *