मंगलौर विवाद : लिबबरहेड़ी जा रहे हरदा को पुलिस ने लिया हिरासत में, काफी देर बाद छोड़ा
रुड़की। मतदाताओं को डराने धमकाने की सूचना पर पूर्व सीएम हरीश रावत बुधवार दोपहर बाद क्षेत्र के गांव लिब्बाहरेहडी के लिए रवाना हुए, लेकिन पुलिस ने उन्हें नहर पुल पर ही रोक लिया। पुलिस ने उन्हें आगे जाने की अनुमति नहीं दी। जब उन्होंने आगे जाने की कोशिश की तो पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। सरकारी गाड़ी में बैठाकर उन्हें कोतवाली ले जाया गया। बाद में नेता प्रतिपक्ष समेत अन्य कांग्रेस नेता मौके पर पहुंचे।
काफी देर कोतवाली परिसर में हंगामे के बाद पुलिस के उच्च अधिकारियों से वार्ता के बाद उन्हें रिहा किया गया। नहर पुल के आगे जब पुलिस ने हरीश रावत को लिब्बरहेड़ी जाने से रोका तो वह वहीं बैठ गए।
बाद में पुलिस हरीश रावत को हिरासत में लेते हुए कोतवाली लेकर आई। कोतवाली पहुंचने पर भारी संख्या में हरीश रावत के समर्थक एक बार फिर कोतवाली में जमा हो गए और नारेबाजी करने लगे।
इस दौरान हरीश रावत स्वयं चलकर हवालात में पहुंचे और खुद को हवालात में बंद कर लिया। उन्होंने कहा कि सत्ता के दुरुपयोग में सरकार ने लोकतंत्र की हत्या की है। जिस प्रकार से मंगलौर विधानसभा उपचुनाव में सरकार ने सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग किया है वह बहुत ही निंदनीय है।
वहीं, कांग्रेस प्रत्याशी काजी निजामुद्दीन ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि चुनाव में हार हो या जीत, लेकिन उन्हें इस बात की खुशी है की पूरी कांग्रेस उनके साथ खड़ी है।