उत्तराखंड ब्रेकिंग : माउंट कुन में नौ माह पहले हिमस्खलन में दबे जवान का शव ढूंढ़ा
देहरादून। लद्दाख में कुन पर्वत पर ट्रैकिंग रूट खोलते हुए हिमस्खलन में दबे हवलदार का शव सेना ने नौ महीने बाद ढूंढ निकाला है। वह भारतीय सेना की 5/1 जीआर का हिस्सा थे। बुधवार को देहरादून लाकर टपेकश्वर स्थित श्मशान घाट में उनका अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान उनकी बटालियन के जवान भी शामिल हुए। जवान नेपाल के निवासी थे।
रक्षा विभाग के जन संपर्क अधिकारी देहरादून ले. कर्नल मनीष श्रीवास्तव ने बताया कि हवलदार ठाकुर बहादुर आले मगर बीते साल आठ अक्तूबर को माउंट कुन के लिए निकले एक पर्वतारोहण अभियान के दौरान चार सदस्यीय रूट ओपनिंग पार्टी का हिस्सा थे। इस दौरान वह हिमस्खलन की चपेट में आ गए। उस दौरान कई दिन तक खोज अभियान चलाया गया। खराब मौसम और लगातार हिमस्खलन के कारण उनका शरीर बरामद नहीं किया जा सका था।
हाल में यहां स्थिति सामान्य हुई। तब सेना के हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल गुलमर्ग ने यहां उन्हें ढूंढ़ने के लिए अभियान चलाया। आखिरकार सात जुलाई को हवलदार ठाकुर बहादुर का शव सेना की अभियान चला रही टीम ने बरामद कर लिया। जहां शव बरामद हुआ वह 23,219 फीट की ऊंचाई स्थित शिखर है।
उनकी बटालियन देहरादून से जुड़ी है। इसलिए उनके पार्थिव शरीर को बुधवार को देहरादून लाकर अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान नेपाल से आए उनके परिजन भी शामिल हुए। आले बेहतरीन पर्वतारोही थे।
वह राष्ट्रीय स्तर की स्कीइंग और स्नो बोर्डिंग प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले चुके थे। सेना के लिए उन्होंने दो स्वर्ण पदक, एक रजत पदक और दो कांस्य पदक जीते थे। परिवार में उनकी पत्नी, नौ वर्षीय बेटी, सात वर्षीय बेटा और बुजुर्ग माता-पिता हैं।