हिमाचल न्यूज: प्राकृतिक खेती उत्पादों का होगा अपना ट्रेडमार्क, सरकार करेगी ब्रांडिंग- बोले सीएम सुक्खू
शिमला। प्राकृतिक खेती से पैदा होने वाले उत्पादों के लिए हिमाचल का अपना ट्रेडमार्क होगा। सरकार इसकी व्यापक ब्रांडिंग करवाएगी, जिससे बाहरी राज्यों और विदेशों तक से डिमांड आए और किसानों की आय में इजाफा हो। मंगलवार को मुख्यमंत्री ने कृषि विभाग की विभिन्न योजनाओं की समीक्षा के दौरान इसे लेकर पुख्ता व्यवस्था करने के निर्देश दिए। बैठक में देसी गायों और भैंसों की खरीद के लिए किसानों को वित्तीय सहायता बढ़ाने पर भी चर्चा की गई। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में कैंसर की रोकथाम के लिए रसायन मुक्त खेती को प्रोत्साहन देने के निर्देश दिए।
किसानों की आय बढ़ाने के लिए प्रदेश में मिट्टी जांच के लिए आधुनिक लैब स्थापित होंगी। किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए कृषि विभाग और जल शक्ति विभाग जाइका और शिवा परियोजनाओं के तहत मदद देगा। पारंपरिक कूहलों का भी जीर्णोद्धार किया जाएगा। जाइका योजना के तहत गेहूं और मक्का के भंडारण के लिए प्रदेश में साइलो स्थापित किए जाएंगे, इसके अलावा नए कोल्ड स्टोर भी बनेंगे। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कृषि विभाग में युक्तिकरण के निर्देश देते हुए स्टाफ की कमी को दूर करने के लिए खाली पदों को तुरंत भरने के निर्देश दिए।
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ग्रामीण अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने के लिए 2024-25 के बजट में विशेष पहल की गई हैं। उन्होंने प्राकृतिक खेती के साथ पशुपालन, मत्स्य पालन और मधुमक्खी पालन को अपनाने पर भी बल दिया। उन्होंने जाइका और मिल्कफेड के कामकाज की समीक्षा की और डिजिटल पद्धति अपनाने के निर्देश दिए। बैठक में कृषि मंत्री प्रो. चंद्र कुमार, प्रधान सचिव वित्त देवेश कुमार, सचिव कृषि सी पालरासू, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, निदेशक कृषि विभाग कुमुद सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
गोबर खरीद योजना जल्द शुरू होगी
मुख्यमंत्री सुक्खू ने अधिकारियों को सरकार की महत्वाकांक्षी गोबर खरीद योजना को पूरे प्रदेश में जल्द शुरू करने के निर्देश दिए। गोबर की खाद बनाकर किसानों को उपलब्ध करवाने के लिए भी व्यवस्था बनाने को कहा।
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