लाल किले से पीएम मोदी के भाषण की 10 बड़ी बातेंप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर देश को सोपी…
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले के प्राचीर से आज 11वीं बार देश को संबोधित किया। पीएम का यह संबोधन 97 मिनट रहा। 78वें स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी का भाषण विकसित भारत 2047 पर फोकस रहा। इस दौरान पीएम मोदी ने देश में महिला के खिलाफ हो रहे अत्याचार पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि दोषियों के बीच डर पैदा होनी चाहिए। उन्होंने इशारों में कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर पर भी बात की। साथ ही उन्होंने बांग्लादेश को हरसंभव मदद करेंगे।
मोदी ने लाल किले से अपने संबोधन में सबसे पहले देश की आजादी के लिए जान गंवाने वाले वीर सपूतों को याद किया। उन्होंने कहा कि आज वो शुभ घड़ी है जब हम देश के लिए मर मिटने वाले अपना जीवन समर्पित करने वाले, आजीवन संघर्ष करने वाले, फांसी के तख्त पर चढ़कर भारत माता की जय के नारे लगाने वाले, अनगिनत भारत माता के सपूतों के स्मरण करने का दिन है। आजादी के दिवानों ने आज हमें आजादी के इस पर्व में स्वतंत्रता में सांस लेने का मौका दिया। ऐसे हर महापुरुष के प्रति हम अपना श्रद्धा भाव व्यक्त करते हैं।
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पीएम ने कहा कि आज जो महानुभाव राष्ट्र रक्षा के लिए और राष्ट्र निर्माण के लिए पूरी लगन से, पूरी प्रतिबद्धता के साथ देश की रक्षा भी कर रहे हैं और देश को नई ऊंचाई पर ले जाने का प्रयास भी कर रहे हैं। चाहे वह हमारा किसान हो, हमारा जवान हो या हमारे नौजवानों का हौसला हो, हमारी माताओं बहनों का योगदान हो। शोषित पीड़ित, वंचित हो। स्वतंत्रता के प्रति उसकी निष्ठा, लोकतंत्र के प्रति उसकी श्रद्धा।
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ये पूरी दुनिया के लिए प्रेरक घटना है। मैं ऐसे सभी को नमन करता हूं। पीएम ने आगे कहा कि आज हम उन असंख्य स्वतंत्रता सेनानियों को याद करते हैं, जिन्होंने हमें एक स्वतंत्र देश दिया, हम आज उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं। हाल ही में आई प्राकृतिक आपदा के कारण हम चिंतित हैं, कई लोगों ने अपने प्रियजनों, अपनी संपत्ति को खो दिया है, हम उनके साथ एकजुटता से खड़े हैं।’
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाल किला पहुंच चुके हैं। कुछ ही पलों में तिरंगा झंडा फहराएंगे। 7:30 लाल किले की प्राचिर से तिरंगा झंडा फहराएंगे। 78वें स्वतंत्रा दिवस में भाग लेने के सभी मेहमान भी पहुंच चुके हैं, लोकसभा के प्रतिपक्ष के नेता राहुल गांधी लाल किला पहुंच चुके हैं। लाल किले पर तिरंगा झंडा फहरते हुए देखने के हजारों की संख्या देशवासी पहुंचे हुए हैं।
आइए, जानें पीएम के भाषण की 10 बड़ी बातें…
- लाल किले के प्राचीर से यह पीएम मोदी का सबसे लंबा स्वतंत्रता दिवस भाषण था, जो 98 मिनट का था। मोदी के स्वतंत्रता दिवस भाषण औसतन 82 मिनट के होते हैं। यह भारत के इतिहास में किसी भी अन्य प्रधानमंत्री से ज़्यादा लंबा भाषण था।
- इससे पहले उनका सबसे लंबा स्वतंत्रता दिवस भाषण 2016 में 96 मिनट का था, जबकि उनका सबसे छोटा भाषण 2017 में था, जब उन्होंने लगभग 56 मिनट तक भाषण दिया था।
- पीएम मोदी ने उम्मीद जताई कि बांग्लादेश में हालात जल्द ही सुधरेंगे, साथ ही उन्होंने वहां हिंदुओं और दूसरे अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर चिंता भी जताई। मोदी ने कहा कि भारत हमेशा बांग्लादेश के विकास और तरक्की का समर्थन करेगा।
- पीएम ने अपने संबोधन में देश में समान नागरिक संहिता की वकालत करते हुए कहा कि देश में कम्युनल नहीं, सेक्युलर सिविल कोड चाहिए।
- मोदी ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अत्याचारों के लिए दी जाने वाली सजाओं का व्यापक प्रचार करने की जरूरत है, ताकि गलत करने वालों को कानून का डर बना रहे। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने “महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास मॉडल” पर काम किया है, लेकिन वे अभी भी महिलाओं के खिलाफ बलात्कार और हिंसा की घटनाओं को लेकर चिंतित हैं।
- मोदी ने 78वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के अवसर पर कृषि क्षेत्र में बड़े सुधारों पर भी जोर दिया और देश में किसानों के जीवन को बेहतर बनाने के प्रयासों पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने जैविक खेती को चुनने के लिए किसानों की सराहना की।
- मोदी ने कहा कि देश के छात्र दूसरे देशों में मेडिकल की पढ़ाई करने जाते हैं, जो सही नहीं। इसके चलते अगले पांच वर्षों में 75,000 और मेडिकल सीटें बढ़ाई जाएंगी।
- प्रधानमंत्री ने कहा कि हम एक ही संकल्प के साथ आगे बढ़ रहे हैं वो है विकास, लेकिन कुछ लोग हैं जो प्रगति को बर्दाश्त नहीं कर सकते या भारत की प्रगति के बारे में तब तक नहीं सोच सकते जब तक कि इससे उन्हें लाभ न हो। वे अराजकता चाहते हैं। देश को इन मुट्ठी भर निराशावादी लोगों से खुद को बचाने की जरूरत है।
- मोदी ने भ्रष्टाचार और इसके महिमामंडन पर चिंता व्यक्त की और इसे समाज के लिए एक बड़ा मुद्दा बताया। उन्होंने कहा, “मुझे पता है कि मुझे इस लड़ाई की कीमत चुकानी होगी, मेरी प्रतिष्ठा दांव पर लग सकती है, लेकिन देश का हित व्यक्तिगत प्रतिष्ठा से अधिक महत्वपूर्ण हैं।
- मोदी ने कहा कि भारत में बड़े पैमाने पर वैश्विक आयोजन करने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि देश 2036 में ओलंपिक की मेजबानी के लिए अपने प्रयासों में कोई कसर नहीं छोड़ेगा।