ऊना न्यूज: आलू के खेत पानी से लबालब, फसल पर संकट के बादल

ऊना। मानसून का असर ऊना जिले में आलू की फसल पर देखने को मिल रहा है। जिले में इन दिनों किसान आलू की बिजाई के काम में जुट गए हैं और अधिकतर लोगों ने बिजाई भी कर डाली है। लेकिन, बारिश होने से किसानों के खेतों में पानी खड़ा हो गया है। इससे आलू की फसल पर संकट के बादल मंडरा गए हैं। कृषि विभाग ऊना के उपनिदेशक डॉ. कुलभूषण धीमान के अनुसार अगर तीन से चार दिन तक पानी खेतों में जमा रहा तो इससे आलू की फसल को नुकसान हो सकता है। वैसे भी ऊना जिले की भौगोलिक परिस्थिति के अनुसार यहां पर रेतीली जमीन है। इससे ज्यादा नुकसान आलू की फसल को बारिश का पानी जमा होने से नहीं हो सकता है लेकिन फिर भी अगर बारिश का क्रम जारी रहा और खेतों में पर्याप्त पानी की निकासी के लिए नालियां नहीं बनाई गई होंगी तो इससे कुछ हद तक किसानों को नुकसान हो सकता है।

यह भी पढ़ें 👉  हिमाचल न्यूज : कांग्रेस सरकार के दो साल पूरे होने पर मुख्य समारोह होगा बिलासपुर में, 25 हजार लोग करेंगे हिस्सेदारी

उन्होंने कहा कि ऊना जिले में वर्तमान में 2000 से अधिक हेक्टेयर भूमि पर आलू की बिजाई की जाती है। यहां पर करीब 70000 क्विंटल के उत्पादन होने का आकलन किया गया है। किसानों से अपील की है कि मौसम को मद्देनजर रखते हुए किसान आलू की बिजाई का काम शुरू करें और खेतों में पर्याप्त निकासी की व्यवस्था भी करें। उन्होंने कहा कि वैसे भी इन दिनों आलू की बिजाई का सीजन चरम सीमा पर है और ऊपर से बारिश का भी लगातार क्रम जारी है। इसके चलते किसानों की दिक्कतें बढ़ गई हैं, तो वहीं दूसरी ओर कहीं-कहीं पर किसानों के लिए यह बारिश वरदान बनकर भी साबित हो रही है। लालसिंघी क्षेत्र के किसानों में हरबंस लाल, दीपक रायजादा, गौरव संजय ठाकुर, अश्विनी कुमार आदि का कहना है कि उन्होंने आलू की बिजाई तो कर दी है लेकिन लगातार बारिश का क्रम जारी होने से उनके खेतों में पानी जमा हो गया है। इससे आलू की फसल को नुकसान होने का संदेह बना हुआ है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *